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शिव के इस मंदिर को देखकर हर कोई हैं हैरान

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: प्राचीन समय में बहुत सारे आविष्कार हुए जो लुप्त हो गए मगर इस बात से कोई भी इनकार नहीं करता कि उस समय का विज्ञान अति विकसित था आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा बताने जा रहे हैं एक ऐसे ही शिव मंदिर के बारे में जिसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं क्योंकि ऐसा कुछ होना तो आज कि इस विकसित विज्ञान से भी पररे हैं यह रहस्यमई शिव मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थिति हैं और इसका नाम है कैलाश मंदिर, तो आइए जानते हैं। 

इस रहस्यमई मंदिर ने वैज्ञानिकों को इस कदर हैरान करके रखा हुआ है कि इस पर वैज्ञानिकों के अलग अलग राय हैं कुछ वैज्ञानिक इस मंदिर को 1900 साल पुराना मानते हैं और कुछ वैज्ञानिक तो इस मंदिर को 6000 साल से भी पुराना मानते हैं सबसे अधिक हैरानी वाली बात तो यह है कि इस रहस्यमई मंदिर को ईटो और पत्थरों से जोड़कर नहीं बनाया गया बल्कि ​केवल एक ही पत्थर को तोड़ कर इस मंदिर का निर्माण किया गया हैं इसलिए इस मंदिर को कब बनाया गया इसका जवाब देना असंभव हैं। क्यांकि इस मंदिर को बनाने में ऐसी कोई भी चीज का इस्तेमाल नहीं किया गया जिससे कि पता लगा सके कि यह मंदिर कब बना था। ऐसा माना जाता हैं कि इस रहस्यमई मंदिर को बनाने में करीब 18 साल का वक्त लगा लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि इस 100 फिट ऊंचे मंदिर को आज के तकनीक से भी 18 साल में बनाना असंभव हैं वही इससे भी अजीब बात यह है कि इस मंदिर को नीचे से ऊपर नहीं बल्कि ऊपर से नीचे की ओर बनाया गया हैं 

इस रहस्यमई मंदिर में एक रहस्य छुपा हुआ है और वह ये है कि इस मंदिर के नीचे जाती हुई गुफाएं। साल 1876 को इंग्लैंड की एक स्पिरिचुलिस्ट “ईमा हेंड्रिक” ने एक किताब खिली जिसमें उन्होंने अपने अनुभव बताएं जिसमें उन्होंने बताया कि उन्होंने कैलाश मंदिर के नीचे बने गुफाओं का भी मुआयना किया और वह एक ऐसे ब्रिटिश शख्स से भी मिली जो इस गुफा के नीचे तक जा चुका था। उसने बताया कि जब वह इन सकरी गुफाओं में से नीचे गया तो उसने एक खुला सा मंदिर पाया। जिसमें उसने सात लोगों से मुलाकात की। और उन सात लोगों में से एक धुंधला सा दिखाई दे रहा था। क्योंकि वह कभी होता और कभी गायब। इस किताब को छपने के बाद कई वैज्ञानिकों ने इन गुफाओं में खोजबीन करने की कोशिश की। मगर उसके बाद इन गुफाओं को सरकारी तौर पर ही बंद कर दिया गया।