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जानिए विश्व के सबसे बड़े हिंदू मंदिर का रहस्य

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म में देव स्थल और मंदिरों को विशेष मान्यता दी जाती हैं वही भारत में एक से बढ़कर एक रहस्यमई मंदिर हैं कुछ तो निर्माण कुशलता का एक बेमिसाल नमूना भी हं और कुछ तो वैज्ञानिकों की समझ से भी पूरे हैं मगर अधिकतर लोगों को भारत के बाहर स्थित मंदिरों के बारे में नहीं पता होगा और आज हम अपने इस लेख द्वारा जिस मंदिर के बारे में बात करने वाले हैं उसे केवल दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल भी कहा जाता हैं, तो आइए जानते हैं। 
  
इसे बनाने में इतनी ज्यादा पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है जितना कि मिस्र के पिरामिड बनाने में भी नहीं किया गया। हम बात कर रहे हैं अंकोरवाट मंदिर की जो की स्थित है कंबोडिया देश में। यह भारत से करीब 4800 किलोमीटर दूर है और यह दर्शाता है कि प्राचीन समय में हिंदू सभ्यता दुनिया के दूर दूर हिस्सों में बसी हुई थी। इस मंदिर का निर्माण राजा सूर्यवर्मन ने साल 1100 से लेकर 1150 ईस्वी में करवाया था। यह मंदिर पूरी दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा और जटिल धार्मिक स्थल हैं यह मंदिर करीब 402 एकड़ में बना हुआ हैं इस मंदिर का आकार ही इस की भव्यता को दिखाता हैं यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित हैं इस मंदिर का आकार देखकर तो वैज्ञानिक भी अचरज में पड़ जाते हैं क्योंकि इसे बनाने की कला उस समय से बहुत आगे थी यह मंदिर एक नहीं बल्कि कई स्तरों में बनाया गया हैं जैसे एक मंदिर के ऊपर और  ऊपर बनाया गया हो विश्व की कई मैगजीन ने भी इसे दुनिया के पांच ऐसे स्थलों में रखा हैं जहां पर अपने जीवन में आपको एक बार जरूर जाना चाहिए। 
   
इस मंदिर का निर्माण राजा सूर्यवर्मन द्वितीय ने करवाया था और ऐसा माना जाता है कि उस समय करीब पूरे एशिया पर उनका ही राज था। कंबोडिया में तो ऐसा माना जाता है कि सूर्यवर्मन द्वितीय कोई साधारण मनुष्य नहीं थे बल्किी वह देव थे। उनके पास ऐसी कई कलाएं थी जो उस समय के इंसानों के पास नहीं थी और इसका सबसे बड़ा नमूना यह मंदिर हैं।