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जानिए भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी जाम्बवन्ती के रहस्य

 

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की आठ पत्निंया थी। आठों पत्नियों की कहानियां बड़ी ही रोचक है सभी का अपना अपना व्यक्तित्व और महत्व रहा हैं महाभारत और श्रीमद्भागवत में सभी की चर्चा विस्तार से मिलती हैं तो आज हम आपको श्रीकृष्ण भगवान की पत्नी जाम्बवंती के कुछ रहस्यों के बारे में आपको बता रहे हैं तो आइए जानते हैं। 

जाम्बवंती रामायण काल के जाम्बवंत जी की बेटी हैं जाम्बवंत जी को प्रभु श्रीराम ने चिरंजीवी होने का वरदान दिया था इसलिए वे अभी तक जिंदा हैं स्यमंतक मणि लेने श्रीकृष्ण जंगल में गए तो उन्हें पता चला की एक गुफा मे रहने वाले जाम्बवंतजी के पास वह मणि हैं। श्रीकृष्ण ने जाम्बवंत जी से कहा यह मणि मुझे दे दो क्योंकि यह सत्राजित की हैं जावंत ने कहा इसके लिए तुम्हें मुझसे युद्ध करना होगा। जामवंतजी तो महाशक्तिशाली थे। घमासान युद्ध हुआ 28 दिन तक युद्ध चला और जाम्बवत हारने लगे तब उन्होंने थक हार कर श्रीकृष्ण को ध्यान से देखा और कहा कि प्रभु मैं आपको पहचान गया आप ही मेरे राम हैं जामवंत जी को आश्चर्य हुआ और उनकी आंखों से आंसू बह निकले उन्हें इस बात का पश्चाताप हुआ कि मैं अपने आराध्य से लड़ा। उन्होंने तब श्रीकृष्ण से कहा कि आपको मेरी बेटी से विवाह करना होगा। इस तरह जाम्बवंती श्रीकृष्ण की पत्नी बनीं। 

श्रीकृष्ण अपनी सभी पत्नियों से समान रूप से प्रेम करते थे। रुक्मिणी श्रीकृष्ण की प्रधान पटरानी थी। उनका पुत्र प्रद्युम्न था जिसे वह खाना खिला रही थी जाम्बवती भी वहीं निटक बैठी हुई थी। वह अभी निसंतान थी। माता पुत्र का प्रेम देखकर उसका ह्रदय भी पुत्र के लिए मचल उठा। अत: वह श्रीकृष्ण के समक्ष मन की बात रखते हुए बोली। स्वामी रुक्मिणी कितनी भाग्यशाी है जिसे आपकी कृपा से प्रद्युम्न जैसे श्रेष्ठ पुत्र की माता बनने का गौरव प्राप्त हुआ मेरा मन भी पुत्र प्रेम के लिए मचल रहा है तब श्रीकृष्ण ने कहा, देवी तुम्हारी यह इच्छा जरूर पूर्ण होगी। इसके लिए मैं कठोर तप करूगा। मेरे तप से उत्पन्न पुत्र तुम्हें असीमित सुख प्रदान करेगा। 

साम्ब के कारण ही कृष्ण कुल का नाश हो गया था। महाभारत अनुसार इस साम्ब का दिल दुर्योधन और भानुमती की पुत्री लक्ष्मणा पर आ गया था और वे दोनों प्रेम करने लगे थे। दुर्योधन अपनी पुत्री का विवाह श्रीकृष्ण के पुत्र से नहीं करना चाहता था। इसको लेकर दोनों पक्ष में युद्ध भी हुआ था।