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किसको हो सकता है अर्थराइटिस का सबसे ज्यादा खतरा, इन उपायों से करे बचाव

 

हैल्थ न्यूज डेस्क।। दुनिया में हर साल अक्तूबर महीने में को वर्ल्ड अर्थराइटिस डे यानि विश्व गठिया दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मकसद इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाना है। आज हम इस लेख में आपको बतायेंगे कि ये बीमारी होती क्यों है, किन्हें ज्यादा खतरा और इससे बचा कैसे जा सकता है।

क्या है अर्थराइटिस?
गठिया की समस्या तब शुरु होती है जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ जाता है। गठिया हड्डियों से जुड़ा एक रोग है जिसमें हड्डियों के जोड़ में सूजन और असहनीय दर्द होता है। हालांकि कुछ नॉन मेडिकल तरीके भी है जिसकी मदद से गठिए को कंट्रोल में रखा जा सकता है। ऐसे में कुछ दैनिक जीवन के नियम व दवाइयों की मदद से आराम और दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है। 

कारगर उपाय है ये तीन नैचुरल तरीके- फिजियोथैरेपी, हल्की एक्सरसाइज और हैल्दी डाइट। इस बीमारी को नियमित व्यायाम, हैल्दी बैलैंस डाइट और मोटापे को अपने काबू में रखकर कंट्रोल में किया जा सकता है।

अर्थराइटिस का किसको है सबसे ज्यादा खतरा?
जिनके शरीर में फैट ज्यादा है और वजन भी बढ़ा हुआ है उन्हें गठिया का खतरा अधिक रहता है। पहले यह समस्या उम्र दराज लोगों को सुनने को मिलती थी लेकिन बिगड़ते लाइफस्टाइल के चलते आज कम उम्र में ही गठिए की समस्या हो रही है। 

जो मोटापे का शिकार हैं
जिनकी हड्डियां पहले से ही कमजोर हैं।
जो लोग फिजिकल एक्टिविटी बिलकुल नहीं करते।
जंक फूड व बाहर का खाना ज्यादा खाते हैं।

फैमिली हिस्ट्री या फिर कोई चोट व इंफेशन का शिकार हुए हैं तो अर्थराइटिस हो सकता है।

अर्थराइटिस से बचें कैसे ?
अगर गठिए के शिकार हो गए हैं तो अपनी डाइट को सही रखें। आर्थराइटिस की सबसे बड़ी वजह मोटापा है इसलिए अगर इस बीमारी से बचना है तो वजन पर कंट्रोल करें। 

फल और सब्जियां
गठिए के मरीजों के लिए जड़ों वाले फल और सब्जियां खाएं जैसे गाजर, शकरकंद और अदरक जड़ वाली सब्जियां काफी फायदेमंद होती हैं।

लहसुन
रोज सुबह खाली पेट दो-तीन लहसुन की कलियों का सेवन करना काफी फायदेमंद हो सकता है। लहसुन इन लोगों के लिए वरदान है। लहसुन में सल्फर और एंटीऑक्सीडेंट के गुण पाए जाते हैं। 

लिक्विड डाइट लें
इस बीमारी के मरीज ज्यादा पानी या लिक्विड चीजों का सेवन करें ताकि यूरिक एसिड के क्रिस्टल यूरिन के जरीये बाहर निकलते रहें।

प्रोटीन फूड्स से बनाएं दूरी
छिलके वाली दालें, सोया प्रोडक्ट्स, पत्तागोभी, पालक, मशरूम, टमाटर, सोयाबीन तेल जैसी सब्जियां नहीं खानी चाहिए। लेकिन कुछ फूड्स से गठिया मरीजों को दूरी बना लेनी चाहिए जैसे हाई प्रोटीन चीजें जिससे यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ती हैं।

ठंडी चीजों से परहेज
प्रोसेस्ड फूड ना लें इससे सूजन और दर्द दोनों बढ़ सकते हैं। इसके अलावा डाइट में फैट और कार्बोहाइड्रेट्स आहार कम लें। इन मरीजों को ठंडी चीजों से परहेज करना चाहिए जैसे दही, खट्टी ठंडी, छाछ कुल्फी आइसक्रीम आदि।