×

घर की हर दीवार कुछ कहती है, जानिए आपके घर की 'दीवारों के रंग' आपके बारे में क्या कहते हैं

 

लाइफस्टाइल डेस्क, जयपुर।। वास्तु शास्त्र हमारे आवास, कार्यालय ,फैक्ट्री और किसी भी निर्माण का संपूर्ण विवेचन है। जमीन खरीदने से लेकर और मकान बनाने तक और उसमें रहने के लिए निश्चित कक्षों की व्यवस्था तक वास्तु का उपयोग होता है। अपने भवन या ऑफिस में इस प्रकार के रंग या पेंट करें जिससे कि वह हमारा भवन परस्पर प्रेम और उन्नति के अनुकूल हो। जानिए क्या होना चाहिए रंगों का संयोजन। 

ड्राइंग रूम: घर का बैठक कक्ष अर्थात ड्राइंग रूम हमारे घर का दर्पण है। घर में आने वाले व्यक्ति सबसे पहले इसी कक्ष में आते हैं। इसलिए इस कक्ष के दीवारों का रंग आकर्षक होना चाहिए। वैसे तो दिशाओं के अनुसार रंग-रोगन की व्यवस्था अलग है। किंतु सामान्य रूप से आंखों को सुंदर लगने वाले रंग सफेद, क्रीम कलर, हल्का गुलाबी हल्का नीला कलर ड्राइंग रूम के लिए अच्छे होते हैं। छत पर भी उन्हें रंगो के समायोजन करते हुए पेंटिंग करानी चाहिए।

बैडरूम: बैडरूम अर्थात शयन कक्ष ऐसा स्थान है जहां हम दिन भर की थकान मिटाते हैं। कम से कम 6 से 8 घंटे तक हमारा वहां निवास रहता है। बैडरूम में मन को प्रसन्न करने वाले रंग का चयन करना चाहिए। गुलाबी, हल्का लाल, हरा, हल्का हरा, सफेद और हल्का नीला रंग बेडरूम के लिए शुभ होता है, किंतु यदि आपके जीवनसाथी या आपके स्वभाव में क्रोध की भावना है तो लाल रंग का त्याग कर दें। बेडरूम में कभी भी पानी का चित्र एवं शीशा रखना भी अच्छा नहीं होता।

रसोई घर: रसोई में सदैव हल्के रंगों का प्रयोग करें। रसोई का दीवारों का रंग सफेद अच्छा माना गया है। क्रीम कलर, पिंक और हल्का लाल रंग की पेंटिंग  करा सकते हैं। लेकिन एक बात ध्यान रखें की रसोई की स्लैप पर हरा या लाल पत्थर ना लगाएं। हरा या लाल पत्थर लगाने से गृहिणी या भोजन बनाने वाला व्यक्ति बार-बार पैरों में दर्द एवं बेचैनी का अनुभव कर सकता है। रसोई घर में हमेशा सफेद पत्थर ही लगवाएं।

बच्चों का कमरा: बच्चों के कमरे में हमेशा हल्के रंग रखने चाहिए क्योंकि प्राय:अध्ययन कक्ष या बच्चों का कमरा उत्तर पूर्व में होता है। इस दिशा में मन को सुकून देने वाला रंग हल्का हरा, हल्का नीला, सफेद या क्रीम कलर बहुत शुभ रहता है।

अतिथि कक्ष: अतिथि कक्ष में मन को प्रसन्न लगने वाला र खुशी देने वाला रंग कराना चाहिए। अधिकतर यह कमरा उत्तर-पश्चिमी दिशा में बनाया जाता है। इसलिए इस दिशा में हरा रंग, हल्का हरा रंग क्रीम कलर बहुत शुभ रहते हैं।

बाहरी दीवार: घर में प्रवेश करने से पहले हमारे घर का मुख्य द्वार आकर्षक होना चाहिए। मुख्य द्वार पर भड़कीले एवं चटकीले रंग नहीं कराने चाहिए। सामान्यता हल्के रंग जो अच्छे लगे और मन को प्रसन्न रखें वही प्रयुक्त करने चाहिए। सफेद रंग, हल्का हरा, पीला ,पर्पल आदि रंगों से घर का बाहरी आवरण सजाना चाहिए आजकल लोग घरों में डिजाइनर टाइल्स लगवाने  लगें हैं। पूरे घर में या मुख्य द्वार पर पूर्ण रूप से टायल लगाना घर की सांसों को बंद करना होता है। ऐसा कहा जाता है कि दीवारें भी सांस लेती हैं और जिस घर में दीवारें सांस नहीं लेती हैं वहां व्यक्तियों की स्वास्थ्य हानि निश्चित है। यदि हम दीवार पर प्लास्टिक पेंटिंग या टाइल्स लगवाते हैं तो दीवारें बंद हो जाती हैं।