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दुनिया के लिए आज भी रहस्य है ये द्वीप, जिसपर साल में सिर्फ एक बार जा सकते हैं लोग, जानिए आखिर क्यों?

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। दुनिया में मौजूद सभी द्वीप अपने आप में सैकड़ों विशेषताएं और रहस्य समेटे हुए हैं। इन द्वीपों में से एक आइहेलो है। स्कॉटलैंड का यह आइलैंड भी अपने आप में रहस्यमयी है। यह आइलैंड स्कॉटलैंड में है। दिल के आकार का यह आइलैंड देखने में बेहद खूबसूरत है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि यहां साल में सिर्फ एक दिन ही लोगों को जाने की इजाजत होती है। यानी साल के 365 दिनों में सिर्फ एक दिन ही इस आइलैंड पर लोग जा सकते हैं। बाकी के 364 दिनों तक किसी को भी इस द्वीप पर जाने की अनुमति नहीं है।

दरअसल, आइहेलो आइलैंड के रहस्य की वजह यह है कि आइहेलो आइलैंड साइज में इतना छोटा है कि इसे मैप पर ढूंढ पाना बेहद मुश्किल है। द्वीप मुख्य भूमि, ओर्कने और रॉसनी के बीच 75 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। लेकिन इस आइलैंड के बारे में कई रहस्यमयी कहानियां प्रचलित हैं। माना जाता है कि आइंहेलो द्वीप पर भूतों का वास है। जिस पर बुरी आत्माएं रहती हैं। अगर कोई इस द्वीप पर जाने की कोशिश करता है, तो ये दुष्ट आत्माएं द्वीप को हवा में गायब कर देती हैं।

स्कॉटलैंड की हाईलैंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डैन ली का कहना है कि हजारों साल पहले इस द्वीप पर लोग रहते थे, लेकिन 1851 में इस द्वीप पर प्लेग की महामारी फैली। जिसके बाद लोगों ने अपनी जान बचाई और टापू छोड़कर चले गए। तब से यह द्वीप पूरी तरह से वीरान पड़ा है। इस आइलैंड पर आपको कई पुरानी इमारतों के खंडहर मिल जाएंगे। पुरातत्वविदों के अनुसार, आइन्हेलो की खुदाई में पाषाण युग की दीवारें और कई अन्य कलाकृतियाँ मिली हैं। जिसके आधार पर इतिहासकारों का दावा है कि यह शहर हजारों साल पहले यहां मौजूद था।

आपको बता दें कि ऐंहेलो आइलैंड ओर्कने आइलैंड से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है। जहां लोग रहते हैं लेकिन फिर भी आइहेलो आइलैंड पर आना आसान नहीं है। क्योंकि इस आइलैंड पर लोगों का आना मना है. इतना ही नहीं, नदियों के बीच बने इस टापू तक पहुंचने के लिए भी आपको तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

सबसे पेचीदा हिस्सा यह है कि इन नदियों में ज्वार इतना अधिक है कि वे नाव मार्गों को अवरुद्ध करते हैं, हालांकि ऑर्कनी हेरिटेज सोसाइटी हर साल जुलाई में पर्यटन आयोजित करती है। जिसके जरिए विजिटर्स iHello को नेविगेट कर सकते हैं। यही वजह है कि साल में सिर्फ एक बार ही इस आइलैंड पर जाने की परमिशन दी जाती है।