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क्या आप जानते है India के इस Oldest Fort के बारे में, जिसमें दफन है कई अजीबो गरीब Secrets

 

ट्रेवल न्यूज डेस्क।। ऐसे कई प्राचीन किले भारत में हैं, जो कई रहस्य अपने आप में समेटे हुए हैं. एक ऐसे ही किले के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिसके बारे में शायद आपने कभी सुना नहीं होगा. भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में ये किला अपनी बनावट के लिए मशहूर है और लाखो सैलानी हर साल इसे देखने के लिए आते हैं. ये फोर्ट महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तटीय गांव मुरुद में स्थित है, जिसे मुरुद जंजीरा किला के नाम से जाना जाता है.

यही वजह है कि 350 साल पुराने इस किले को ‘अजेय किला’ कहा जाता है. ये किला समुद्र तल से 90 फीट की ऊंचाई पर बना हुआ है और ये बीच समुद्र यानी अरब सागर में बना हुआ है. कहते हैं कि ब्रिटिश, पुर्तगाली, मुगल, शिवाजी महाराज, कान्होजी आंग्रे, चिम्माजी अप्पा और संभाजी महाराज ने इस किले को जीतने का काफी प्रयास किया था, लेकिन इनमें से कोई भी सफल नहीं हो सका. 

नाम में ही छुपी है इसकी खासियत
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये किला जंजीरा के सिद्दीकियों की राजधानी हुआ करता था. लगभग 22 एकड़ में फैले इस किले का निर्माण कार्य 22 वर्षों में पूरा हुआ था और इसकी सुरक्षा के लिए 22 चौकियां भी है. इसके नाम में ही इसकी खासियत छिपी है दरअसल जंजीरा अरबी भाषा के जजीरा शब्द से बना जिसका अर्थ होता है टापू. 

लोगों का मानना है कि इसी कारण कोई दुश्मन किले के पास आने के बावजूद चकमा खा जाते थे और किले में घुस नहीं पाते थे. इस किले के दरवाजों को दीवारों की आड़ में बनाया गया है, जिस कारण कुछ मीटर दूर जाने पर यहां दरवाजें दिखना बंद हो जाते हैं. यहीं वजह है कि इस किले को आज तक कोई फतह नहीं कर पाया.

इस किले में मीठे पानी की एक झील है. समुद्र के खारे पानी के बीच होने के बावजूद इस झील का पानी मीठा है. यह मीठा पानी कहां से आता है, ये आज भी लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है. इसकी अजेयता का कारण ये भी है की पुराने समय में पानी के रास्ते इस किले तक पहुंचना बेहद मुश्किल काम था और जब कोई सेना इसकी तरफ बढती थी, तब किले में मौजूद सेना आराम से दुश्मनों को हरा देती थी.