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हर साल अमावस्या की रात सांप दरवाजे पर आकर इस शख्स से लेता है बदला, अब तक 72 बार डंसा

 

लाइफस्टाईल डेस्क, जयपुर।। सांपों को बदला लेते हुए दिखाई जाने वाली फिल्में बॉलीवुड में कई बन चुकी हैं। साथ ही बहुत से ऐसे टीवी सिरियल्स भी हैं जिसमें नागिन इंसान से बदला लेती है। लेकिन क्या रियल लाइफ में सांप सच में बदला लेते हैं? जी हां ऐसा ही एक किस्सा है जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले है तो आइए जानते है ​इसके बारे में

ये मामला है आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले के कुम्मारा गुंटा गांव में रहने वाले 45 वर्षीय सुब्रमण्यम सांपों के डंसने से बड़े परेशान हैं। उन्हें पिछले 32 सालों में अब तक 72 बार सांपों ने काटा है। ऐसे में सुब्रमण्यम का दावा है कि सांप उनसे बदला ले रहे हैं। सुब्रमण्यम कहते हैं कि जब वे 5वीं क्लास में थे तब सांप ने उन्हें पहली बार काटा था। उन्होंने आज तक ऐसा कुछ काम किया नहीं जिससे किसी सांप को कोई नुकसान हो। लेकिन फिर भी ये सांप बिना किसी मतलब के उनसे बदला ले रहे हैं। इसके बाद एक साल में दो बार तो उन्हे कोबरा सांप ने डंस लिया था।

उनके बताये अनुसार हर साल अमावस्या के दिन उनके घर के दरवाजे पर सांप आकर खड़ा हो जाता है। ऐसा पिछले 32 सालों से लगातार हो रहा है। इन अजीब घटनाओं से सुब्रमण्यम बेहद दुखी महसूस करते हैं। वे ये भी जानना चाहते हैं कि आखिर ये सांप उनसे किस बात का बदला ले रहे हैं।

सांप के काटने पर उनके हर साल लगभग 50 हजार रुपए खर्च हो जाते हैं। एक किसान होने के नाते उनके लिए हर साल इतना खर्च उठान संभव नहीं होता है। सुब्रमण्यम के दिल में अब सांप का इतना खौफ भरा गया है कि वे काम पर जाने से भी कतराते हैं। वे एक किसान है और इस नाते उन्हें बार बार खेत में भी जाना पड़ता है। वे रात दिन भगवान से बस यही प्रार्थना करते हैं कि वे किसी तरह इस असामान्य परिस्थिति से बाहर निकल जाए। 

बता दें कि, सांप पकड़ने वाले रघु राम इस घटना के बारे में बताते हैं कि सांप के बदला लेने की बात में कोई दम नहीं है। सांप का बदला लेना एक मिथक बात है। सांपों के पास किसी चीज को पहचानने और याद रखने के लिए कोई सामाजिक बंधन, बुद्धि या स्मृति नहीं होती है। सांप के अंदर कोई स्मृति नहीं होती है। ऐसे में वह किसी व्यक्ति का चेहरा याद भी नहीं रख सकता है। सुब्रमण्यम के साथ जो भी घटनाएं हो रही हैं वह महज एक संयोग है।