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Holi 2024: उड़त गुलाल लाल भये बदरा…बरसाना में नन्दगांव के हुरियारों पर खूब पड़े हुरियारिनों के लठ

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। फाल्गुन की नाद आते ही कृष्ण की नगरी में होली का रंग ऐसा चढ़ता है कि कई दिनों तक नहीं छूटता। अद्भुत... यहां के अनोखे और अलौकिक नजारे शायद ही कहीं और देखने को मिलते हैं। ब्रज में राधा-कृष्ण के पवित्र प्रेम की प्रतीक लट्ठमार होली निराली है।

मथुरा जिले के बरसाना की रंगीन गली में बरसाना के हुरियारियों ने नंदगाँव के हुरियारियों पर आक्रमण किया। देश-विदेश के हजारों सैलानियों ने होली के अद्भुत नजारे का लुत्फ उठाते हुए तरह-तरह के रंग बरसाए। इस मौके पर दुनिया के कोने-कोने से आए श्रद्धालु कृष्ण और राधा के प्रेम की अनूठी होली को देखकर रोमांचित हो उठे।

गुलाल की आंधी के बीच रंगों की बौछार, नगाड़ों की थाप पर थिरकते हुरियारे और हुरियारी तन मन भीग जाता है, डंडों की बरसात करता नंदगांव का हुरियारे और ढालों से रक्षा करता बरसाना का हुरियारे। यहां का माहौल अलग है।

बरसाना में जैसे ही लाठियों से प्यार के रंग बरसने लगते हैं, आसपास के लोग होली की मस्ती में सराबोर हो जाते हैं। बरसाना की रंगीली गली में झंडा आते ही हुर्रियों पर हुर्रियों की लाठियां बरसने लगती हैं.

   लट्ठमार होली के इस रंग को देखने के लिए देश-विदेश से बड़ी संख्या में लोग बरसाना पहुंचे हैं. कृष्ण की नगरी में भक्तों की इतनी भीड़ है कि पैर रखने की भी जगह नहीं है।

कहा जाता है कि लट्ठमार होली के लिए हुरियारिन महीनों पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं। नंदगाँव और बरसाना में यह लठमार होली पारंपरिक रूप से और बड़े उत्साह के साथ खेली जाती है। इस दौरान किसी को बुरा नहीं लगता।