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इस गांव में मिला था सोने का सबसे बड़ा भंडार, भारत सरकार के पास भी नहीं है इतना रिज़र्व

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।।रेत के लिए खूनी संघर्ष की खबरें हमारे देश में आती रहती हैं। अवैध खनन को लेकर अधिकारियों और माफिया के बीच अक्सर झड़प की खबरें आती रहती हैं। जिसमें कई मामलों के तार सरकार से भी जुड़े बताए जा रहे हैं. ऐसे में अगर यह पता चल जाए कि देश के किसी गांव में सोने का सबसे बड़ा भंडार मिला है तो लोग इस पर दावा करने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाएंगे.

हालांकि, दुनिया में एक गांव ऐसा भी है जहां 680 टन सोना का विशाल भंडार पाया गया है। इसके बाद पूरे देश में हंगामा मच गया। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह भारत के कुल सोने के भंडार (676 टन) से भी ज्यादा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2021 में भारत का कुल गोल्ड रिजर्व 676.7 टन था।

हैरानी की बात यह है कि उस गांव के लोगों ने सरकार से खुदाई कराने से मना कर दिया। ग्रामीणों को साफ-साफ बता दिया गया कि हमारी आने वाली पीढ़ी को अच्छे स्वास्थ्य और पर्यावरण की जरूरत है, धन और सोने की नहीं। इसलिए हम खुदाई की अनुमति नहीं देते हैं। इस सोने की कीमत 35 अरब डॉलर यानी करीब 2.43 लाख करोड़ रुपए आंकी गई थी।

सबसे बड़ा सोने का भंडार

कजामार्का नाम का यह गांव दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया में स्थित है। जब स्थानीय सरकार को गांव में दबे सोने के भंडार के बारे में पता चला, तो उसने एंग्लोगोल्ड कंपनी को खनन की जिम्मेदारी देने का फैसला किया। कंपनी के लोग पहुंचे तो ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। कोलम्बियाई सरकार के अनुसार, यह सोने का भंडार दक्षिण अमेरिका में खोजा गया अब तक का सबसे बड़ा भंडार था।

ग्रामीणों को धन का कोई लालच नहीं है

ग्रामीणों के विरोध के बाद सरकार ने जनमत संग्रह कराने का फैसला किया। लोग अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए एकजुट हुए। 19,000 की आबादी वाले गांव में केवल 79 लोगों ने उत्खनन के पक्ष में मतदान किया, जबकि बाकी लोगों ने इसके विरोध में मतदान किया। जनमत संग्रह के बाद, सरकार को उत्खनन कार्य नहीं करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

कई देश आर्थिक संकट के समय में अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए सोने को रिजर्व के रूप में रखते हैं। रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका के पास सबसे बड़ा सोने का भंडार है, इसके बाद जर्मनी, इटली, फ्रांस, रूस और चीन का स्थान है। जबकि भारत 9वें स्थान पर है।