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दुनियाभर में हाहाकार मचा चुके हैं ये 11 खतरनाक वायरस, ले ली थी करोड़ों लोगों की जान

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। हाल ही में पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने कहर बरपाया है। इस वायरस की वजह से लोग अपने घरों में कैद हो गए थे. लाखों लोग मारे गए। हालांकि, कोरोना से पहले भी कई ऐसे वायरस आ चुके हैं, जिससे पूरी दुनिया में हजारों लोगों की जान जा चुकी है और तबाही मची हुई है। साइंटिफिक अमेरिकन मैगजीन के मुताबिक वैज्ञानिकों ने धरती पर करीब 6 लाख ऐसे वायरस खोजे हैं, जो जानवरों से इंसान के शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। जानिए ऐसे ही 11 खतरनाक वायरस के बारे में।

1. मारबर्ग विषाणु
इस वायरस की खोज साल 1967 में हुई थी। यह वायरस जर्मनी की एक लैब से लीक हुआ था और इसे बंदरों से इंसानों में ट्रांसफर किया गया था। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को तेज बुखार होता है और आंतरिक अंगों से रक्त स्राव होता है। जिससे व्यक्ति की जान भी जा सकती है।

2. हंटावायरस
कोरोना के बाद चीन में एक बार फिर इस वायरस से एक शख्स की मौत हुई है. इसी वजह से यह वायरस बीते दिनों फिर से सुर्खियां बटोर चुका है. यह वायरस कृन्तकों द्वारा फैलता है और पहली बार वर्ष 1993 में इसका पता चला था। वहीं अमेरिका में इस वायरस के संक्रमण से एक कपल की मौत हो गई है. इसके बाद कुछ ही महीनों में इस बीमारी से 600 लोगों की मौत हो गई.

3. मर्स
इस वायरस को भी कोरोना परिवार से संबंधित माना जाता है। इस वायरस का पहली बार पता 2012 में चला था जब यह सऊदी अरब में फैला था। इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति में निमोनिया और कोरोना वायरस के लक्षण होते हैं। इस वायरस से 40 से 50 फीसदी लोगों की मौत होती है।

4. सार्स
इसे कोरोना वायरस का पूर्वज माना जाता है। यह वायरस चीन के गुआंग्डोंग प्रांत से भी आया था। यह वायरस चमगादड़ से इंसानों में फैलता है। 2 साल में इस वायरस से 26 देशों के करीब 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। यह कम खतरनाक नहीं है।

5. इबोला वायरस
यह वायरस जानवरों से इंसानों में भी फैलता है। इस वायरस का पहली बार पता 1976 में चला था जब कांगो और सूडान में इस वायरस से कई लोगों की मौत हुई थी। साल 2014 में यह अफ्रीका में भी बेहद खतरनाक तरीके से फैला।

6. रेबीज
रेबीज आमतौर पर कुत्ते के काटने से फैलता है। इस वायरस की खोज साल 1920 में हुई थी। इस वायरस का प्रकोप ज्यादातर भारत और अफ्रीका में देखा गया था। अगर कुत्ते के काटने का सही समय पर इलाज न कराया जाए तो यह वायरस इंसान की जान भी ले सकता है।

7. चेचक
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 1980 में इस वायरस को खत्म करने के लिए एक अभियान शुरू किया था। बता दें कि 20वीं सदी में इस बीमारी से 30 करोड़ लोगों की जान चली गई थी।

8. इन्फ्लुएंजा
हर साल करीब 5 लाख लोगों की मौत किसी न किसी वायरस की वजह से होती है। 1918 में, उनका नया वायरस आया, स्पेनिश फ्लू, जिसने लगभग 50 मिलियन लोगों की जान ले ली।

9. रोटावायरस
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल इस बीमारी से करीब 4 लाख बच्चों की मौत हो जाती है। इस बीमारी के लिए दो टीके विकसित किए गए हैं।

10. एचआईवी
इससे संक्रमित व्यक्ति के बचने की कोई संभावना नहीं रहती है। इससे संक्रमित 96 फीसदी लोगों की मौत हो चुकी है। 1980 के बाद से एचआईवी से संक्रमित 3.2 करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है।

11. डेंगू
मच्छरों के काटने से फैलने वाली इस बीमारी से भारत भी अछूता नहीं है। यह बीमारी पहली बार 1950 के दशक में फिलीपींस और थाईलैंड में देखी गई थी। आज भी 20 प्रतिशत लोग इससे मरते हैं।