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भारत के ये है सबसे खुबसूरत वॉटरफॉल, जिनकी सुंदरता जीत लेगी दिल, कुछ तो नियाग्रा को भी टक्‍कर दे रहे

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। भारत में पर्यटन स्थलों की कोई कमी नहीं है, लेकिन कई जगह ऐसी भी हैं जहां प्रकृति ने अपना जलवा बिखेरा है। आज हम आपको झरने के बारे में बताने जा रहे हैं, ये है वो जगह। इनकी खूबसूरती आपका मन मोह लेगी। दुनिया के कुछ सबसे खूबसूरत झरने भी नियाग्रा को टक्कर देते नजर आते हैं।

गोवा का नाम लेते ही समुद्र की लहरें पार्टियों से गूंजने लगती हैं। लेकिन अगर आप यहां दूधसागर जलप्रपात देखेंगे तो आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे। यह झरना दक्षिण गोवा के सबसे ऊंचे झरनों में से एक है। इसकी ऊंचाई 310 मीटर है। दूर से देखा जाए तो दूध की अनेक नदियां बह रही हैं। इसके नीचे रेलवे ट्रैक है, जिसके ऊपर से ट्रेनें भी गुजरती हैं। ऐसा खूबसूरत नजारा शायद ही कहीं देखने को मिले।

मध्यप्रदेश के जबलपुर में भेड़ाघाट जलप्रपात निराला है। यहां माता नर्मदा नदी 100-100 फीट ऊंची संगमरमर की चट्टानों से होकर बहती है। इन्हीं चट्टानों में धुआंधार जलप्रपात है, जहां 50 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है। पानी गिरने के बाद धुआं निकलता है जिसके कारण इसे धुआंधार कहा जाता है।

केरल का अथिरापल्ली जलप्रपात बेहद खूबसूरत और शानदार है। 80 फीट ऊंचे और 330 फीट चौड़े इस जलप्रपात को भारत का नियाग्रा जलप्रपात कहा जाता है। जहां पानी गिरता है वहां किसी को नहाने की इजाजत नहीं होती है। और यह संभव भी नहीं है। लेकिन जिस चोटी पर नदी बहती है, वहां आप नहा भी सकते हैं।

कर्नाटक के शिमोगा में जोग जलप्रपात अद्भुत है। यह भारत का दूसरा सबसे ऊंचा जलप्रपात है। यहां पानी 829 फीट की ऊंचाई से नीचे आता है। इस जलप्रपात की आवाज कई किलोमीटर पहले ही सुनी जा सकती है।यूनेस्को ने भी इसे पारिस्थितिक स्थलों की सूची में रखा है। शरावती नदी से निकले इस झरने को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।

मेघालय के चेरापूंजी में स्थित नोहकलिकाई जलप्रपात भारत का सबसे ऊंचा गिरने वाला जलप्रपात है। यहां 1115 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है और पूरा इलाका हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है। लगता है प्रकृति ने कैनवास पर रंगों की बौछार कर दी है।


शिवानासमुद्र जलप्रपात कर्नाटक के चामराजनगर जिले में स्थित है। कावेरी नदी का जल यहाँ इस प्रकार गिरता है जैसे किसी कटोरी से जल उंडेला जाता है। दिखने में यह एक महिला के हार जैसा दिखता है। यहां श्री सोमेश्वर का एक प्राचीन मंदिर भी है। एशिया का पहला हाइड्रो-इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन यहाँ बनाया गया था।

छत्तीसगढ़ का चित्रकूट जलप्रपात। बस्तर जिले में इंद्रावती नदी पर इस झरने की ऊंचाई 90 फीट है। यह रक्त बरसात के दिनों में लाल होता है, फिर चांदनी रातों में बिल्कुल सफेद हो जाता है। घोड़े की नाल जैसे मुख के कारण इसे भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है।