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इस युवक ने जमीन खोदकर नीचे बना दिया अपने Dream House, क्या है इस Hobbit Home की खासियत

 

ट्रेवल न्यूज डेस्क।। नागालैंड का नया टूरिस्ट डेस्टिनेशन ओवल आकार के दरवाजे और खिड़की वाला जंगल के बीचो-बीच यह छोटा सा घर बन गया है। JRR Tolkien की किताबों में बने हॉबिट्स के घर की 29 वर्षीय असाखो चेस का बनाया यह घर आपको याद दिलाएगा। असाखो ने इस घर को एशिया के पहले ग्रीन विलेज खोनोमा के पास अपने गांव में बनाया है। उन्हें दो महीने का समय इस 10×14 फीट के घर को बनाने में लगा था। दिखने में यह घर जितना सुन्दर है, मेहनत भी इसे बनाने में उतनी ही लगी है।

हालांकि, जब जंगल में असाखो अपने लिए एक छोटा सा घर बना रहे थे, तब उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि इंटरनेट पर हॉबिट होम जैसा दिखने वाला यह घर इतना लोकप्रिय हो जाएगा। एक स्कूल में बच्चों को फिटनेस की ट्रेनिंग देनेवाले दीमापुर (नागालैंड) के असाखो को ट्रैकिंग करने और घूमने-फिरने का बेहद शौक़ है। फिल्मों और कहानियों में उन्होंने कई बार इस तरह का घर देखा था। लेकिन उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वह कभी ऐसा घर बनाएंगे। वह द बेटर इंडिया से बात करते हुए कहते हैं, “लॉकडाउन के दौरान मैं अपने गांव आ गया था। मुझे गांव के जंगलों में घूमने का मौका इस खाली समय में मिला। तभी  अपने लिए जंगल में एक छोटा सा घर बनाने का मुझे ख्याल आया। गांव में उनके घर से कुछ दुरी पर यह घर, उनकी निजी जगह पर बना है।

मिट्टी में गड्ढा करके बनाया घर
उन्होंने बताया कि करीब 15 लोग, दो दिनों तक तीन से चार घंटे की शिफ्ट में काम कर रहे थे। असाखो ने अपने दोस्तों और कुछ लोकल लोगों की मदद लेकर मिट्टी खोदने से काम की शुरुआत की थी। घर के सामने की दीवार बनाने के लिए अल्डर के पेड़ की लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। मिट्टी खोदने के बाद, उन्होंने बाहर और अंदर की तरफ लकड़ियों का प्रयोग करके दीवारें बनाईं।  वह बस आस-पास मौजूद चीजों और बेकार पड़ी लकड़ियों का इस्तेमाल करके अपने लिए हॉलिडे होम बना रहे थे। हालांकि उन्हें मशहूर फिल्म The Lord of the Rings काफी पसंद है। लेकिन इस घर को बनाते समय उनके दिमाग में इस फिल्म का ख्याल बिल्कुल भी नहीं था। जब उन्होंने घर का दरवाजा बनाया, तब उनके कई दोस्तों ने उनसे कहा कि उनका यह घर हॉबिट होम जैसा दिख रहा है।

हरियाली के बीच बना हॉबिट होम

बिल्कुल बुनियादी सुविधाओं के साथ उन्होंने इस हॉबिट होम को बनाया है, जिसमें एक कमरा है, जहाँ पांच से सात लोग लगभग रह सकते हैं। एक छोटा किचन है, एक पश्चिमी शैली का बाथरूम और पानी व बिजली की सुविधा भी है। वह चाहते थे कि घर को ज्यादा से ज्यादा प्रकृति के करीब और ईको-फ्रेंडली बनाया जाए। मैं बहुत सारे पेड़ नहीं काटना चाहता था, इसलिए मैंने एक साधारण घर बनाया। घर के अंदर का फर्नीचर बनाने के लिए मैंने मील की बची हुई लकड़ियों का भी इस्तेमाल किया है। उन्होंने बताया, घर बनाने के लिए अल्डर के पेड़ों की लकड़ियों का इस्तेमाल हुआ है, जो पांच से छह साल में वापस उग जाएंगे। 

घर के बाहर बना है एक ऑर्गेनिक गार्डन

जिसके बाद उन्होंने फर्नीचर और गार्डन बनाने का काम शुरू किया। घर के अंदर उन्होंने एक टेबल और बुक शेल्फ भी बनाया है। पिछले साल नवंबर में उन्होंने इस घर को बनाना शुरू किया था और जनवरी में इसका बाहरी ढांचा बनकर तैयार हुआ।  वह कहते हैं, इस गार्डन की वजह से इस घर की खूबसूरती और भी बढ़ गई है। यहां आने वाले हर मेहमान को ताज़ी सब्जियों से खाना बनाने में बेहद मज़ा आता है। इस काम में उन्हें अपने दोस्तों के साथ-साथ परिवार का भी पूरा सहयोग मिला था। उनकी माँ और बहन ने घर के बाहर टमाटर, मिर्च, गोभी जैसी कई सब्जियां भी उगाई हैं।

कोरोना की दूसरी लहर के बाद, लोग उनके इस हॉबिट होम में रुकने के लिए आने लगे। असाखो इसे एक ईको-फ्रेंडली टूरिस्ट डेस्टिनेशन ही बनाए रखना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने इसे सिर्फ अपने इस्तेमाल के लिए बनाया था। लेकिन उनके हॉबिट होम के बारे में पढ़ने के बाद, कई लोग यहां रुकने और इसका अनुभव लेने के लिए अनुरोध करने लगे।  उन्होंने बताया, यह कोई आलीशान होटल नहीं है, लेकिन जिनको प्रकृति के बीच में समय बिताना हो उन्हें यह बेहद पसंद आता है। इस घर में कोई डस्टबिन नहीं है और न ही ज्यादा सुविधाए हैं। जो भी यहां आना चाहता है, मैं उन्हें खुद का बिस्तर और सामान लाने को कहता हूँ। खाना पकाने के लिए थोड़ा सामान हमने रखा है। जिससे मेहमान अपना खाना पकाकर खा सकते हैं।