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इस देश में हजारों की संख्या में रहते है मुसलमान, लेकिन नहीं है एक भी 'मस्जिद'

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। यह सुनकर हैरानी हो सकती है कि जिस देश में मुसलमान रहते हैं वहां मस्जिद नहीं होनी चाहिए, लेकिन सच्चाई यही है। जी हां, भारत के पड़ोस में एक ऐसा देश जहां सात हजार से ज्यादा मुसलमान रहते हैं लेकिन एक भी मस्जिद नहीं। देश में हिंदू मंदिर के साथ-साथ बौद्ध मंदिर भी है लेकिन इस्लाम के लिए एक भी मस्जिद नहीं है। इतना ही नहीं यहां कोई चर्च भी नहीं है। आइए आपको बताते हैं कि किस देश में ऐसी स्थिति है और क्यों? भूटान में एक भी मस्जिद नहीं है यह देश भारत का पड़ोसी देश है। भूटान की कुल आबादी 7.5 लाख है, जिसमें करीब 5 से 7 हजार मुस्लिम आबादी है। जबकि यहां की कुल आबादी में 11.3 फीसदी हिंदू हैं। देश में कई बौद्ध मंदिर और मठ के साथ-साथ हिंदू मंदिर भी हैं। लेकिन यहां मुसलमानों के लिए एक भी मस्जिद नहीं है।

भूटान में एक भी चर्च नहीं है
मस्जिद तो छोड़िए, भूटान में चर्च तक नहीं है। जबकि यहां हजारों ईसाई रहते हैं। इन ईसाइयों को आधिकारिक तौर पर चर्च बनाने की अनुमति नहीं है। कई बार जब यूरोप या किसी अन्य देश से कोई मुस्लिम या ईसाई भूटान आता है तो उसे यहां पूजा करने के लिए कोई मस्जिद या चर्च नहीं मिलता।

मुसलमान और ईसाई कैसे प्रार्थना करते हैं?
दरअसल, आधिकारिक तौर पर देखा जाए तो बमथांग में एक छोटा प्रार्थना कक्ष जरूर बनाया गया है। इसमें तीन कमरे हैं, इन तीन अलग-अलग कमरों में मुस्लिम, सिख और ईसाई आकर प्रार्थना कर सकते हैं।

इस धर्म के लोग यहां पूजा या प्रार्थना करते हैं।
द भूटान लाइव इज़ की रिपोर्ट के अनुसार, महाकाल धाम, भगवान शिव का सम्मान करने वाला एक पवित्र हिंदू मंदिर है, जो सामत्से में बुके की पहाड़ियों में एक रहस्यमय स्थान है, जिसने सदियों से आध्यात्मिक साधकों को आकर्षित किया है। यह प्राचीन अभयारण्य भूटान में सबसे पुराना माना जाता है और इसे उन स्थानों में से एक माना जाता है जहां भगवान शिव ने तपस्या की थी।