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कहीं आपका बच्चा कमजोर तो नहीं पहचाने इन लक्षणों से, जानिए इससे बचाव के उपाय

 

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। दिन भर खेलने के बाद भी बच्चे नहीं थकते। बच्चे के शरीर में कूदने की क्षमता होती है। लेकिन अगर आपका बच्चा खेलने के बजाय चुपचाप बैठा है, तो वह कमजोर हो सकता है। मांसपेशियों की कमजोरी के कारण बच्चों को चलने में परेशानी होती है। शरीर भी सुस्त हो जाता है। अगर आपका बच्चा शारीरिक कमजोरी का अनुभव कर रहा है तो आपको इस बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए। तो आइए आपको इसके लक्षण, बचाव और बचाव के कारण बताते हैं।

कमजोरी के कारण क्या हैं?
बच्चे में कमजोरी के कई कारण हो सकते हैं। मांसपेशियों में कमजोरी, पोलियो, वायरल या कोई अन्य बीमारी बच्चे में कमजोरी का कारण बन सकती है। इसके अलावा बच्चे का शरीर का खराब विकास, कद का रुकना, बच्चे का कम वजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

कमजोरी को कैसे दूर करें
अपने बच्चे के आहार में पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करें। आप कैल्शियम, आयरन, विटामिन, ओमेगा-3, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ खा सकते हैं।

तुम बच्चे से बात करो। ध्यान रखें कि अगर कोई आपके बच्चे को गाली देता है तो उसे मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

बच्चे को ज्यादा से ज्यादा पानी पिलाएं। आपको उसके शरीर को हाइड्रेट रखने की कोशिश करनी चाहिए।

अधिक समस्या होने पर डॉक्टर से सलाह लें।

कमजोरी के लक्षण
 पैरों में कमजोरी
आपके बच्चे के शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी से पैरों में कमजोरी आ सकती है। अगर आपके बच्चे को खड़े होने, चलने और दौड़ने में दिक्कत हो रही है तो यह भी कमजोरी का संकेत हो सकता है। ये लक्षण कैल्शियम की कमी के कारण भी हो सकते हैं।

चेहरे का बार-बार सूखना
शिशु के शरीर में कमजोरी के कारण भी चेहरे में कई तरह के बदलाव आते हैं। सूखे होंठ, फटे होंठ, आंखों के नीचे काले घेरे, चेहरे पर धब्बे जैसी समस्याएं भी देखी जाती हैं। बच्चों की मुस्कान या चेहरे टेढ़े भी हो सकते हैं।

सिरदर्द और थकान
 अगर आपका बच्चा थोड़ा खेलते-खेलते थक जाता है तो यह भी कमजोरी का एक कारण हो सकता है। मोटापा, उनींदापन, सुस्ती, पढ़ाई के दौरान सिरदर्द भी कमजोरी के लक्षण हैं। इसके अलावा हृदय गति बढ़ सकती है या सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।

बुखार और सर्दी
कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली भी बच्चों में कमजोरी का कारण बन सकती है। सर्दी, ठंड लगना, बुखार, पेट दर्द और अपच जैसी समस्याएं भी इस बीमारी के लक्षण हैं। अपने बच्चे के स्वास्थ्य और खान-पान का विशेष ध्यान रखें।