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क्या आपने कभी देखा है अकबर के रईस का है ये ‘समोसा महल’, नहीं तो एक बार जरूर जायें

 

ट्रैवल न्यूज डेस्क।। भारत में लोगों के फास्ट फूड में समोसा देखते ही मुंह में पानी आ जाता है। यहां इसके कई दिवाने मिल जाते है लेकिन उन्होने कभी समोसा महल नहीं देखा होगा। अगर आपने भी कभी इसके बारे मेें सुना या देखा नही है तो आज हम आपको बताते है अकबर के जमाने के इस समोसा महल के बारे में। इसके बारे में बताने जा रहे है। 

बता दें कि, फतेहपुर सीकरी मुगल राजधानी में ऐसा समोसा है, जिसे आज तक कोई नहीं खा सका।  इस महल को समोसे की तरह तिकोने आकार में बनाया गया हुआ है। यही कारण है कि इसका नाम समोसा महल हो गया। दरअसल, काफी लंबे वक्त से चलते इस महल के छज्जे, तोड़े, फर्श के पत्थर खराब हो गए है। जिसकी वजह से नए पत्थर लगाए जाएंगे। इस महल का शेप समोसे जैसा दिखाई देता है। इसे बनाने के लिए 17लाख रूपये लगने वाले है।

फतेहपुर सीकरी में कई स्मारकों का नामकरण एएसआइ द्वारा गलत कर दिया गया है। लेकिन उन्हें जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। फतेहपुर में स्मारकों के नामकरण पर सवाल उठते रहे हैं। 

इब्न-बतूता ने मुहम्मद बिन तुगलक और अबुल फजल ने अकबर के दरबार में पेश किए जाने वाले समोसे का जिक्र किया है। ये समोसा सबसे पहले ईरान से भारत आया था।  16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों के भारत में आलू लेकर आने के साथ समोसे में आलू भरा जाने लगा। समोसे का जिक्र फारसी इतिहासकार अबुल फजल बेहाकी ने 11वीं शताब्दी में किया था।