Follow us

 कोरोना संक्रमण से बनी एंटीबॉडीज कितने समय तक प्रभाभी हो सकती है जाने आज 

 
हेल्थ

कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही शरीर में बनी एंटीबॉडीज की प्रभाविकता चर्चा का विषय बनी हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना के खिलाफ शरीर में दो प्रकार से एंटीबॉडीज निर्मित हो सकती हैं, पहला- संक्रमण के बाद स्वाभाविक रूप से बनी एंटीबॉडीज और दूसरा- वैक्सीन लगवाने के बाद बनी एंटीबॉडीज। यह एंटीबॉडीज कितने समय तक कोरोना के अगले संक्रमण से सुरक्षित रख सकती हैं? इस संबंध में लगातार अध्ययन किए जा रहे हैं। इसी से जुड़े हालिया अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद शरीर में बनी एंटीबॉडीज  नौ महीने तक प्रभावी रह सकती हैं। 

हेल्थ

इटली में यूनवर्सिटी ऑफ पाडुआ और ब्रिटेन में इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने पिछले साल फरवरी और मार्च में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए इटली के ‘वोओ’ के 3000 निवासियों में से 85 प्रतिशत के आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसके बाद नवंबर 2020 में एक बार फिर से इन लोगों में एंटीबॉडी की जांच की गयी। इस अध्ययन को ‘नेचर कम्युनिकेशन’ जर्नल में प्रकाशित किया गया है। अध्ययनकर्ताओं ने जांच के दौरान पाया कि करीब 9 महीने पहले कोरोना की चपेट में आए ज्यादातर लोगों में अब भी प्रभावी एंटीबॉडीज मौजूद थीं।

अध्ययन में वैज्ञानिकों ने बताया कि फरवरी और मार्च में संक्रमण की चपेट में आए करीब 99 फीसदी लोगों में नवंबर तक एंटीबॉडी प्रभावी रूप से कायम थी। खास बात यह रही कि जिन लोगों में कोरोना के एसिम्टोमैटिक मामले थे उनमें भी एंटीबॉडी का स्तर समान ही पाया गया। अध्ययन की प्रमुख लेखक इलारिया डोरिगटी कहती हैं, हमें ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला कि लक्षण वाले या बिना लक्षण वाले लोगों में एंटीबॉडी का स्तर अलग-अलग हो। इससे संकेत मिलता है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, लक्षण या बीमारी की गंभीरता पर निर्भर नहीं करती है। 

From around the web