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क्या आपको भी बहुत पसंद है टोमेटो कैचअप? हो जाएं सावधान... जहर की तरह कर सकता है काम

 
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लाइफस्टाइल डेस्क, जयपुर।। चाहें फ्रेंच फ्राइज हो या पिज्जा, बर्गर या नूडल्स. इन सब के साथ एक कॉमन चीज खाई जाती है. जो कि टोमेटो केच-अप है. इन सभी का टेस्ट कैचअप के बिना अधूरा-सा लगता है. कैचअप में सबसे ज्यादा टमाटर का इस्तेमाल होता है इसलिए अक्सर कई लोग इसे फायदेमंद मानते है. लेकिन, जैसे हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. वैसे ही रेड कैचअप के फायदे तो बहुत सुने होंगे अब जरा नुकसान भी सुन लीजिए. माना जाता है कि कैचअप को लंबे टाइम तक इस्तेमाल करने से हेल्थ पर गलत असर पड़ता है. कैचअप में चीनी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसलिए इससे हेल्थ को नुकसान होता है. कैचअप में सोडियम की मात्रा भी बहुत ज्यादा होती है, इसलिए कैचअप कम खाना बेहतर होता है. 

टोमैटो कैचअप में ज्यादा फ्रूक्टोज (fructose) होने के कारण फैट और डायबिटीज (diabetes) बढ़ जाती है और इंसुलिन (insulin) की क्वांटिटी कम हो जाती हैं जो कि हेल्थ के लिए बेहद नुकसानदायक है. इन बीमारियों से बचने के लिए बेहतर है कि कैचअप कम ही खाई जाए. अगर फिर भी टोमैटो कैचअप इतनी ही पसंद है तो बेहतर है कि घर में बने हुए कैचअप का इस्तेमाल करे.

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ज्यादा टोमैटो कैचअप खाने से कैल्शियम की क्वांटिटी बढ़ जाती है जिसका असर किडनी (kidney) पर पड़ता है. टमाटर के साथ-साथ इसके बीजों को भी बॉडी में जाने से नहीं रोका जा सकता, लेकिन इन बीजों के अंदर जाने से आप पथरी के पेशेंट बन सकते हैं, क्योंकि ये आसानी से किडनी में पहुंचकर पथरी यानि स्टोन को बढ़ावा देती है. ज्यादा टोमैटो कैचअप खाने से बॉडी में एलर्जी हो सकती हैं क्योंकि कैचअप में हिस्टामाइन्स केमिकल्स (histamine chemical) की क्वाटिंटी बहुत ज्यादा होती है. साथ ही इसे खाने से एसिडिटी की प्रॉब्लम भी हो सकती है. दरअसल, इसमें काफी ज्यादा क्वांटिटी में एसिड होता है. जिसे लेने से ये एसिडिटी का कारण बनती है. 

केचअप में डिस्टिल्ड विनिगर (distilled vinegar) और फ्रक्टोज़ शुगर की क्वाटिंटी बहुत ज्यादा होती है. इसके अलावा इसमें रेग्युलर कॉर्न सीरप और ऑनियन पाउडर भी होता है. यह GMO कॉर्न से बना होता है जिसमें केमिकल्स और पेस्टिसाइड्स का भरपूर इस्तेमाल होता है. इसलिए सॉस हेल्थ के लिए सही नहीं है. टमाटर से बने कैचअप में मौजूद टरपीन्स एलिमेंट (turpine element) बॉडी ओडर का कारण बन सकता है. डाइजेशन के दौरान इसका डिस्सोल्यूशन, बॉडी में स्मेल पैदा करता है. साथ ही ऑर्गेनिक टमाटरों के बजाए इंजेक्शन या केमिकल का इस्तेमाल कर पकाए गए टमाटर मार्केट्स में मिलते हैं, जो कि बेचैनी, ब्लडप्रेशर और दूसरी हेल्थ प्रॉब्लम्स दे सकते हैं.

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