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अगर आप भी करते है शिफ्ट में ड्यूटी, तो डायबिटीज़ के साथ इन खतरनाक बीमारीयों के हो सकते है शिकार

 
अगर आप भी करते है शिफ्ट में ड्यूटी, तो डायबिटीज़ के साथ इन खतरनाक बीमारीयों के हो सकते है शिकार

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। शिफ्ट में काम करने वाले लोगों की सबसे बड़ी समस्या यह होती है, कि बेवक्त सोने के कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। खासकर रात में काम करने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ी उलझन यही होती है कि वे ठीक से सो नहीं पाते हैं। वहीं, अगर दिन में सोना चाहते भी हैं, तो पूरी नींद नहीं ले पाते है। साथ ही बदलते शिफ्ट के साथ शरीर तालमेल नहीं बैठा पाता, और व्यक्ति कई बीमारियों का शिकार हो जाता है। एक ताजा शोध के मुताबिक इस कारण उनमें मधुमेह और मोटापे की समस्या होने का खतरा ज्यादा रहता है।

शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन 21 लोगों पर किया, जिनके खाने और सोने के वक्त पर शोध किया गया। शोध के नतीजों के मुताबिक जब नींद की सामान्य प्रक्रिया में कोई बदलाव होता है। तो शरीर के शुगर स्तर को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। अध्ययन में शामिल कई लोगों में तो कुछ हफ्तों के भीतर ही मधुमेह के लक्षण दिखाई देने लगे। शिफ्ट में काम करना दूसरी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह भी बन सकता है।

अध्ययन की शुरुआत में 21 लोगों को रात में 10 घंटे सोने दिया गया। बाद में तीन हफ्तों तक उनकी नींद में खलल डाली गई और बेवक्त सोने दिया गया। दिन की अवधि को बढ़ा कर 28 घंटे कर दिया गया, ताकि दिन भर विमान में उड़ने के बाद होने वाली थकान के प्रभाव को पैदा किया जा सके।

अगर आप भी करते है शिफ्ट में ड्यूटी, तो डायबिटीज़ के साथ इन खतरनाक बीमारीयों के हो सकते है शिकार

अध्ययन में शामिल लोगों को 28 घंटे के दिन में सिर्फ 6.5 घंटे सोने दिया गया, जो सामान्य दिन में 5.6 घंटे की नींद के बराबर है। उन्हें मद्धम रोशनी में रखा गया ताकि उनकी 'बॉडी क्लॉक' सामान्य रोशनी में वापस सामान्य ना हो जाए। माना जाता है कि कई बार बॉडी क्लॉक में बदलाव के शिकार होने वाले लोगों का शरीर पौष्टिक तत्वों को ग्रहण नहीं कर पाता। उन्हें मधुमेह और मोटापे की समस्या भी हो जाती है।

अध्ययन में इस दौरान खाने के बाद और दिन में ना खाने के दौरान लोगों के खून में शुगर का स्तर काफी बढ़ जाता था। शोधकर्ताओं ने साबित किया कि इस दौरान इंसुलिन के स्तर को कम करने वाले हार्मोन पैदा हुए। यही हार्मोन आमतौर पर शुगर के स्तर को नियंत्रित करते हैं। तीन लोगों के शुगर का स्तर खाने के बाद इतना ऊंचा रहता था कि उन्हें "मधुमेह से पहले" वाली श्रेणी में रखा गया।

शिफ्ट में काम करने वाले लोगों में, दिन में काम करने वाले लोगों के मुकाबले मधुमेह से पीड़ित होने की आशंका ज्यादा होती है। चूंकि रात में काम करने वाले लोगों को दिन में सोने में परेशानी होती है, इसलिए उन्हें रात में काम करने और दिन में सोने वाली दोनों तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। तो यह बात साफ है कि पर्याप्त नींद सेहत के लिए महत्वपूर्ण है और यह नींद रात में ही ली जानी चाहिए।
 

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