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अधिकांश लोगों की है राय : अगले साल तक भी जिंदगी में नहीं आएगा कोई सुधार : Survey

 
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भारत के अधिकांश लोगों का मानना है कि पिछले साल में उनके जीवन स्तर में गिरावट आई है और यह अब भी जारी है। आईएएनएस सी वोटर कोविड ट्रैकर में इस बात का खुलासा हुआ है कि हमेशा आशावादी रहने वाले भारतीय इस समय निराशाओं में डूबे हुए हैं क्योंकि उन्हें आने वाले 12 महीनों में भी उम्मीद की कोई किरण नहीं दिख रही है।

सर्वेक्षण में यह पूछे जाने पर कि आपके घर में आपके परिवार के लिए कितने दिनों का राशन/दवा इत्यादि या राशन/दवा वगैरह के लिए पैसे उपलब्ध हैं, तो इसके जवाब में 53.2 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास तीन सप्ताह से कम का राशन है।

रोजगार और आय को लेकर भी लोगों में चिंता है। कम से कम 37.6 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे नियमों और सुरक्षा उपायों के तहत काम तो कर रहे हैं, लेकिन उनकी आय/वेतन में कमी आई है। 21.1 प्रतिशत ने कहा कि उनकी आय या उनका वेतन पहले की ही तरह है, जबकि 10.9 प्रतिशत ने कहा कि उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं है या उनकी नौकरी नहीं है।

सर्वेक्षण में 5.6 फीसदी उत्तरदाताओं ने कहा कि वे घर पर रहकर काम कर रहे हैं, लेकिन उनके वेतन या आय में कमी आई है। कुल मिलाकर अधिकतर लोग कम वेतन या बिल्कुल भी आय न होने की समस्या से जूझ रहे हैं।

पिछले साल कोविड महामारी की पहली लहर के दौरान भी स्थिति बेहद खराब थी, लेकिन उस वक्त भी लोगों में उम्मीद थी। यह सर्वेक्षण 56,685 लोगों में किया गया और इसकी समयावधि 1 जनवरी से 27 मई के बीच तक रही, जिसमें सभी 542 लोकसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया था।

–आईएएनएस

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