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बहुत कम-ज्यादा सोने से हो सकता है डायबिटीज

 
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लाइफस्टाइल डेस्क, जयपुर।। अमेरिका में लगभग 9000 लोगों पर हुए अध्ययन से यह पता चला है कि ज्यादा सोने से स्वास्य्र   पर असर पडता है। इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने यह पाया कि ज्यादा सोने से डायबिटीज का जोखिम बढ जाता है। जो लोग हर रात 9 घंटे से ज्यादा सोते हैं उनमें केवल 7 घंटे सोने वालों की तुलना में मधुमेह होने का खतरा दोगुना था। अध्ययन में यह परिणाम नही निकल पाया कि मधुमेह और ज्यादा सोने के बीच शारीरिक संबंध का भी योगदान है या नहीं। यद्यपि, जिन लोगों को 9 घंटे या उससे ज्यादा नींद लेने का सुझाव दिया गया था उनमें स्वास्य् यद की कई समस्याएं शुरू हो गई जिसमें मधुमेह के खतरे के संकेत ज्यादा थे।

डायबिटीज होने का खतरा केवल ज्यादा सोने वाले लोगों में ही नहीं देखा गया, बल्कि ऐसे लोग जो 5 घंटे से कम सोते हैं उनमें भी ज्यादा सोने वालों की तरह मधुमेह का खतरा दिखाई दिया। इस बात के पर्याप्त प्रमाण थे कि कम सोने और असामान्य तरीके से सोने से आदमी को कई प्रकार की गंभीर स्वा‍स्य समस्या‍एं जैसे – मधुमेह, दिल की बीमारियां और मोटापा हो सकता है । इसके अलावा दिन के शिफ्ट और रात के शिफ्ट में बदलाव करने से भी डायबिटीज होता है। सोने पर एक दूसरे अध्ययन से यह पता चला है कि बहुत कम नींद लेने से शरीर की जैविक क्रियाएं बहुत प्रभावित होती हैं जिसमें डायबिटीज के विकास का खतरा ज्यादा होता है।

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बोस्टन के ओर्फे बक्सटन और महिला अस्पताल ने नींद और डायबिटीज के बीच संबंधों पर एक अन्य अध्ययन से निष्कर्षऔ निकाला कि जो लोग कम नींद लेते हैं उनमें टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा बढा है। इस अध्ययन में 21 स्वस्थम लोगों पर विश्लेषण किया गया। इन लोगों ने लगभग 6 सप्ताह एक कार्यशाला में बिताये, जहां पर उनके खान-पान, सोने के घंटे और शारीरिक गतिविधियों के साथ-साथ सूर्य के संपर्क का भी विष्लेषण किया गया।इन लोगों के शारीरिक काम में लगातार परिवर्तन करके शुरू के तीन सप्ताह तक सोने के लिए केवल 5 घंटे दिये गये। इसमें लोगों के शरीर की जैविक गतिविधियों को ध्यान में रखकर अध्ययन किया गया।

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