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अपने बच्चों को बीमारियों से दूर रखने के लिए हाइजीन से जुड़ी ये अच्छी आदतें जरूर सिखाएं

 
अपने बच्चों को बीमारियों से दूर रखने के लिए हाइजीन से जुड़ी ये अच्छी आदतें जरूर सिखाएं

लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क !!! कोरोना महामारी के चलते देश के कई  हिस्सों में अभी भी लॉकडाउन जारी है। लोग घरों में बंद हैं और वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। वहीं स्कूल बंद होने के वजह से कुछ लोग बच्चों को पढ़ाने में भी व्यस्त हैं। आपको बता दें कि बच्चों को हेल्दी और स्वस्थ रखने के लिए पैरेंट्स उन्हें कई तरह की आदतें सिखाते हैं। मां-बाप बच्चों को अच्छी से अच्छी चीजें खिलाते हैं और उनकी साफ-सफाई का भी ध्यान रखते हैं। बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर इंजेक्शन लगवाना और जरूरी सावधानियां बरतना भी बहुत जरूरी होता है। इन सबके बावजूद बच्चे आए दिन कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। इसका एक बड़ा कारण यह है कि पेरेंट्स बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिए हाइजीन से जुड़ीं कुछ आदतों के बारे में नहीं बता पाते है। 

इस बारे में भी बच्चों को काफी कुछ सिखाना चाहिए। बच्चों को ज्यादातर बीमारियां हाईजीन की गलत आदतों के कारण ही होती हैं। आपको बता दें कि छोटे बच्चों की इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है, इसलिए बच्चे बीमारियों का शिकार जल्दी हो जाते हैं। यदि आप बच्चों को स्वस्थ रखना चाहते हैं और बीमारियों को उनसे दूर रखना चाहते हैं, तो  समय रहते  अपने बच्चों को हाईजीन से जुड़ीं ये अच्छी आदतें जरूर सिखाएं . 

१. हाथ धोने का सही तरीका - 

बच्चों को बचपन से ही इस बात की आदत लगाएं कि वह टॉयलेट जाने के बाद, खाना खाने से पहले और कोई भी गंदी चीज छूने के बाद हाथों को साबुन या लिक्विड हैंड वॉश से जरूर धोएं। सिर्फ यही नहीं, बच्चों को यह भी बताएं कि हाथ धोने का सही तरीका क्या है। इसके लिए बच्चों को टॉयलेट सिंक के सामने खड़ा करके खुद ही हाथ धोकर दिखाएं। हाथ धोने का सही तरीका यह है कि साबुन लगाने के बाद झाग को कम से कम 30 सेकंड तक अच्छी तरह दोनों हाथों में आगे-पीछे मलते रहें और फिर पानी से अच्छी तरह धो लें। इसके अलावा यह भी ध्यान रखें कि हाथ धोने के बाद बच्चे हमेशा साफ तौलिये में ही हाथ पोछे। 

२. रोजाना ब्रश करें –                         

जब बच्चों के दांत आ जाते हैं तो उनको रोज ब्रश करना चाहिए। जब बच्चे 3 से 4 साल के हो जाएं, तो बेहतर होगा कि आप उन्हें खुद से ब्रश करना सिखाएं। बच्चों को बताएं कि वो दिन में कम से कम 2 बार अच्छी तरह से ब्रश करें। बच्चों को बड़ों वाले टूथपेस्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होती है। बाजार में बच्चों के लिए स्पेशल टूथपेस्ट आते हैं, केवल उन्हीं का इस्तेमाल करें। हाथों के बाद दांतों से इंफेक्शन और बीमारियां ज्यादा जल्दी फैलती है। 

३. अंडर गारमेंट्स चेंज करें –

कई बार बच्चे नियमित रूप से नहीं नहाते हैं, खासकर सर्दियों के मौसम में बच्चों के साथ ऐसा होता है। बच्चों को ये बात जरूर सिखाएं कि वह रोज नहाने की आदत डालें और अंडर गारमेंट्स को रोजाना बदलें। अंडर गारमेंट्स से बहुत सारी बीमारियां शरीर में फैल सकती हैं इसलिए सावधान रहना बहुत जरूरी है। 

४. टॉयलेट ट्रेनिंग दे -

बच्चों को टॉयलेट या पॉटी की ट्रेनिंग देना भी बहुत जरूरी होता है। बच्चों को सबसे पहले अपने से टॉयलेट सीट को एडजस्ट करना, उस पर सही तरीके से बैठना और फिर अच्छे से खुद को साफ करना सिखाएं। बच्चों को फ्लश करने की भी ट्रेनिंग दें। बच्चों को बचपन से ही सिखाएं कि सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल कैसे करना है और इस दौरान बीमारियों और बैक्टीरिया को कैसे रोकना है। बच्चों को यह भी समझाएं कि वो टॉयलेट की चीजों को बेवजह न छुएं क्योंकि इससे उन्हें इंफेक्शन हो सकता है और वह बीमार पड़ सकते है। 

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