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अंडरआर्म की गांठ भी हो सकती है कैंसर का कारण, टीनएजर्स को रहता है ज्यादा खतरा

 
अंडरआर्म की गांठ भी हो सकती है कैंसर का कारण, टीनएजर्स को रहता है ज्यादा खतरा

हैल्थ न्यूज डेस्क।। दुनिया में बीमारीयों लोगों को बहुत तेजी से अपना शिकार बना रही है, इन्ही में से एक कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी देशभर में तेजी से बढ़ रही है। हर साल 1 से 31 अक्तूबर तक Breast Cancer Awareness Month मनाया जाता है वहीं इसके प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के मेट्रो शहरों में रहने वाली महिलाएं तेजी से ब्रेस्ट कैंसर का शिकार हो रही है। पहले 50 साल से ऊपर की महिलाओं को यह बीमारी होने का खतरा रहता था। इस दौरान महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जाता है। लेकिन अब गलत लाइफ स्टाइल व खराब खानपान के कारण 30 से कम उम्र की लड़कियां भी इसकी चपेट में आ रही है। ऐसे में समय रहते इसके लक्षणों को पहचान कर इसे काबू किया जा सकता है। आइए जानते हैं इसके बारे में..

गांवों के मुताबिक शहरों में अधिक केस
बात गांव व शहरों में रहने वाली महिलाओं की तुलना करें तो 60 में से एक ग्रामीण महिला इस बीमारी का शिकार होती है। दूसरी ओर शहरी इलाकों में 22 में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020 में करीब 712,758 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हुई थी। हर 29 महिलाओं में से एक महिला इस गंभीर बीमारी से पीड़ित है। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में 14.5 लाख कैंसर के मामले आए थे जो कि 2021 में बढ़ कर 17.3 लाख से भी ज्यादा हो सकते हैं। इसके अलावा कुछ कैंसर के मरीजों में लगभग 57 प्रतिशत केस ब्रेस्ट कैंसर के थे जो बेहद ही चिंताजनक स्थिति है।

अंडरआर्म या बगल में गांठ पड़ने व ये लक्षण दिखना भी ब्रेस्ट कैंसर की ओर इशारा करता है। इसपर सूजन होना व दबाव डालने पर दर्द होना, स्किन का कलर लाल पड़ जाना, निपल का सिकुड़ना या खून आने की समस्या ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण माने जाते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ब्रेस्ट में गाठ या मस्सा होने पर इसका आकार बदल जाता है। ऐसे में महिलाओं को बिना देरी किए डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। ताकि समय रहते इलाज हो पाएं।

अंडरआर्म की गांठ भी हो सकती है कैंसर का कारण, टीनएजर्स को रहता है ज्यादा खतरा

ब्रेस्‍ट कैंसर बढ़ने के कारण
- खासतौर पर जहां पर तेजी से औद्योगीकरण हो रहा है और आधुनिक सुख-सुविधाएं बढ़ने के साथ वहां का वातावरण खराब हो रहा हो। एक्सपर्ट के अनुसार, शहर की महिलाएं तेजी से ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आ रही है। 

- तनावपूर्ण जिंदगी

- भागदौड़भरी जिंदगी के कारण डेली डाइट का ध्यान ना रखना। साथ ही खाने में पोषक तत्वों की कमी होना

- शारीरिक कसरत की कमी

- प्रदूषित भोजन खाना

- महिलाओं का देरी से शादी करना व बच्चा होने में भी देरी होना

-  हार्मोनल असंतुलन

कैंसर को हराने के लिए डेली लाइफ स्टाइल में अपनाएं ये टिप्स
 महिलाओं को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। ताकि इस बीमारी की चपेट में आने से बचा जा सके। कैंसर का समय रहते पता चलने पर इसका इलाज कुछ हद तक संभव है। चलिए जानते हैं इसके बारे में...

- डेली डाइट में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, जूस, सूप आदि शामिल करें।

- हफ्ते में 3 घंटे दौड़ लगाने या 13 घंटे पैदल चलने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा करीब 23 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

- गुटका, तंबाकू या धूम्रपान, शराब आदि नशीली चीजें कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करती है। 

- मोटापा भी बीमारियों की चपेट में आने का एक मुख्य कारण माना जाता है। 

- डिलीवरी के बाद बच्चे को स्तनपान करवाने से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा कम होता है। साथ ही वजन कंट्रोल रहने में मदद मिलती है।

- 30 की होने के बाद किसी भी तरह का कोई संशय होने पर बिना देरी किए स्तनों की जांच करवाएं।

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