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400 साल पुरानी इस झील में घटी थी दिल दहलाने वाली दर्दनाक घटना, एक ही रात में चली गई थी हजारों लोगों की जान

 
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लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। दुनिया भर में आए दिन प्राकृतिक दुर्घटनाएं होती रहती हैं। ऐसी ही एक घटना 34 साल पहले दक्षिण अफ्रीका के कैमरून में हुई थी। जिसने दुनिया को हिला कर रख दिया. हादसा 21 अगस्त 1986 को हुआ था। इस हादसे में रात भर में हजारों लोगों की मौत हो गई। इन लोगों की मौत के लिए लेक न्योस जिम्मेदार है।

इस भयानक त्रासदी के बाद इस झील को 'द बैड लेक' के नाम से जाना जाने लगा। हादसे के बाद लोगों का मानना ​​था कि झील में बुरी आत्माओं का वास है। ये आत्माएं उन्हें अपना शिकार बनाने के लिए हमेशा किसी न किसी की तलाश में रहती हैं। लेकिन इस मामले में कितनी सच्चाई है ये कोई पता नहीं लगा पाया है.

साल 1986 में इस झील में 1746 लोगों की मौत हुई थी। तभी से न्योस झील को लेकर लोगों में एक अजीब सा डर है। हालांकि वैज्ञानिकों ने इस तबाही का कारण कुछ और बताया। वैज्ञानिकों का कहना है कि न्योस झील ज्वालामुखी के क्रेटर पर बनी है। इस कारण इसमें कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा अधिक होती है।

400 साल पुरानी इस झील घटी थी दिल दहलाने वाली दर्दनाक घटना, एक ही रात में चली गई थी हजारों लोगों की जान

यह गैस छोड़ने के बजाय झील में ऊपर उठती रही और धीरे-धीरे झील का पानी बम का गोला बन गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, एक गैलन झील के पानी में पांच गैलन कार्बन डाइऑक्साइड मौजूद था। 21 अगस्त 1986 को झील के पानी में विस्फोट हो गया। इस विस्फोट से झील में पानी 300 फीट तक ऊपर उठ गया।

दो घाटियों के बीच स्थित है यह खूबसूरत बारादसर झील, यहां खिलता है दुर्लभ  ब्रह्म कमल

इस बढ़ते पानी के कारण झील के अंदर से गैस निकली और हवा में फैल गई। जिससे महज 20 सेकेंड में 1746 जिंदा लोग गैस की चपेट में आ गए। इसके अलावा इस गैस ने साढ़े तीन हजार मवेशियों की भी जान ले ली। कुछ ही समय में झील नीले से लाल हो गई। यह झील 400 साल से भी ज्यादा पुरानी बताई जाती है।

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