उल्कापिंडों का तूफान टकरा सकता है धरती से इस दिन, पहली बार होगा 20 साल में ऐसा

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। अंतरिक्ष कई रहस्यों से भरा हुआ है जहां हर दिन किसी न किसी के साथ कोई न कोई घटना घटती ही रहती है। ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें पृथ्वी खतरे में है। अब एक बार फिर से अंतरिक्ष में एक ऐसी घटना होने जा रही है जिसका असर पृथ्वी पर पड़ सकता है। पृथ्वी पर इस डर का कारण महीने के अंत में आने वाला उल्कापिंड है। दरअसल, 30 या 31 मई को कोई उल्कापिंड धरती से टकरा सकता है। वैज्ञानिक इसे लेकर आश्वस्त हैं। उल्कापिंड आएगा या बारिश अभी तय नहीं हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह जानना आसान है कि उल्काएं कब आती हैं, लेकिन उनकी दिशा और स्थिति अलग-अलग होती है। इसलिए अभी कुछ भी कहना मुश्किल है। आइए जानते हैं धरती पर आने वाले उल्कापिंड के बारे में...
वैज्ञानिकों ने इस उल्कापिंड तूफान का नाम ताऊ हरक्यूलिस रखा है। मई 1930 में जापान के क्योटो में क्वासन वेधशाला द्वारा तूफान देखा गया था। इस तूफान को केवल उत्तर और दक्षिण अमेरिका में रहने वाले लोग ही देख पाएंगे। उल्कापिंड तूफान तभी देखा जा सकता है जब आसमान में बहुत अंधेरा हो और दृष्टि बहुत साफ हो। यानी आसमान में प्रदूषण नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो 30 मई और 31 मई की रात आसमान में उल्कापिंडों की बौछार देखने को मिल सकती है.
30 और 31 मई की रात को उल्कापिंडों के अलावा आसमान में तेज रोशनी की कुछ झिलमिलाहट भी देखी जा सकती है। यह इस सप्ताह भी देखा जा सकता है, लेकिन यह सिर्फ उल्का बौछार है। इस सप्ताह दिखाई देने वाले उल्काओं को एटा एक्वेरिड्स कहा जाता है। हालांकि, उन्हें अगले साल देखना दिलचस्प होगा, क्योंकि तब और संख्या आसमान में देखने को मिलेगी।
उल्का वर्षा हमेशा आंचल दर से मापी जाती है। 100 ZHR बिंदुओं पर उल्का वर्षा को सबसे अच्छा माना जाता है। ऐसा बहुत कम होता है जब इनकी संख्या 1000 से अधिक हो। यदि इनकी संख्या एक हजार या इससे अधिक हो जाती है तो इसे उल्कापिंड कहते हैं। पहला उल्का तूफान 2001/2002 में लियोनिद था। वैज्ञानिकों के अनुसार सबसे भयंकर तूफान 1833 में आया था। इस तूफान की एक पेंटिंग मिली है। इसमें गांव में खड़े लोगों और उनके ऊपर उल्काओं की आंधी को दिखाया गया है। उल्काएं तब दिखाई देती हैं जब अंतरिक्ष की धूल और चट्टानें पृथ्वी के वायुमंडल से टकराती हैं। जब यह जलता है तो ऐसा लगता है जैसे उल्काओं की बारिश हो रही हो।