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क्या आपको पता है जीबी रोड के अलावा भी ये हैं भारत की सबसे बदनाम गलियां, जानिए इन जगहों के बारे में

 
क्या आपको पता है जीबी रोड के अलावा भी ये हैं भारत की सबसे बदनाम गलियां, जानिए इन जगहों के बारे में

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। रेड लाइट इलाकों से निकल कर वेश्यावृत्ति अब मसाज पार्लरों एवं एस्कार्ट सर्विस के रूप में भी फल-फूल रही है। जिस्मफरोशी दुनिया के पुराने धंधों में से एक है। पोस्ट मॉडर्न सोसाइटी में वेश्यावृत्ति के अलग-अलग रूप भी सामने आए हैं। देह का धंधा कमाई का चोखा जरिया बन चुका है। गरीब और विकासशील देशों जैसे भारत, थाइलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि में सेक्स पर्यटन का चलन शुरू हो चुका है। बेबीलोन के मंदिरों से लेकर भारत के मंदिरों में देवदासी प्रथा वेश्यावृत्ति का आदिम रूप है। 

कोलकाता

यह इलाका उत्तरी कोलकाता के शोभा बाजार के समीप स्थित चित्तरंजन एवेन्यू में है। इस धंधे से जुडी महिलाओं को लाइसेंस दिया गया है। एशिया का सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया कोलकाता के सोनागाछी में है। 1956 में पीटा कानून के तहत वेश्यावृत्ति को कानूनी वैद्यता दी गई, पर 1986 में इसमें संशोधन करके कई शर्तें जोड़ी गई। इसके तहत सार्वजनिक सेक्स को अपराध माना गया। इसमें सजा का भी प्रावधान है। एक अनुमान के मुताबिक यहां करीब 11 हजार वेश्याएं कई सौ बहु मंजिला इमारतों में देह धंधा करती हैं। बताते चलें कि भारत में जिस्मफरोशी का धंधा लगातार बढ रहा है। 

दिल्ली

अंग्रेजों के समय इन पांचों क्षेत्रों को एक साथ कर दिया गया और उसी समय इसका नाम जीबी रोड पड़ा। यहां देहव्यापार का सबसे बड़ा कारोबार होता है। राजधानी दिल्ली में जी.बी रोड, नई दिल्ली यानी गारस्टिन बास्टिन रोड सबसे बड़ा रेड लाइट एरिया है। वर्तमान में एक ही कमरे में कई केबिन बनें हैं, जहां एक साथ कई ग्राहकों को सेवा दी जाती है। यहां समय-समय पर दिल्ली पुलिस छापा मारती रहती है।  सन् 1965 में इसका नाम बदल कर स्वामी श्रद्धानंद मार्ग कर दिया गया। मुगलकाल में इस क्षेत्र में कुल पांच रेडलाइट एरिया यानी कोठे हुआ करते थे। नेपाल और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में लड़कियों की तस्करी करके यहां को कोठों पर लाया जाता है। 

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ग्वालियर

इंटरनेट और मोबाइल पर आने वाली सूचनाओं के आधार पर कॉलगर्ल्स की बुकिंग होती है। ईमेल या मोबाइल पर ही ग्राहक को डिलीवरी का स्थान बता दिया जाता है। कॉलगर्ल्स को ठेके पर या फिर वेतन पर रखा जाता हैं।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रेशमपुरा इलाका देहव्यापार के लिए जाना जाता है। सिंधिया परिवार की इस सरजमीं पर इस कारोबार में विदेशी लड़कियों के साथ मॉडल्स, कॉलेज गर्ल्स और बहुत जल्दी ऊंची छलांग लगाने की मध्यमवर्गीय महत्वाकांक्षी लड़कियों की संख्या भी बढ़ रही है। अब दलालों की पहचान मुश्किल हो गई है। बताते चलें कि इस कारोबार को चलाने के लिए बाकयादा ऑफिस खोले जा रहे हैं। 

मेरठ

इन दिनों यहां पर देहव्यापार का परंपरागत धंधा अब गलत हथकंडे अपनाकर चलाया जा रहा है। हाल ही में यहां पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारा तो दंग रह गई। एक मकान में नेपाली लड़कियों को जानवरों की तरह बंद करके रखा गया था। यहां आलमारी में कपड़ों की तरह ठूस कर लड़कियों को रखा गया था। यूपी के मेरठ में स्थित कबाड़ी बाजार बहुत ही पुराना रेड लाइट एरिया है। यहां अंग्रेजों के जमाने से देहव्यापार किया जाता है। बताते चलें कि वूमेन एंड चाइल्ड डेवलेपमेंट मिनिस्ट्री ने 2007 में एक रिपोर्ट दिया, इसके मुताबिक, 30 लाख औरतें जिस्मफरोशी का धंधा करती हैं। इममें 36 फीसदी तो नाबालिग हैं।

मुंबई

सन 1795 में पुराने बांबे के इस इलाके में निर्माण क्षेत्र में काम करने वाली आंध्रा महिलाओं ने देह व्यापार का धंधा शुरू किया था। 1880 में यह क्षेत्र अंग्रेजों के लिए ऐशगाह बन गया। आज भी देहव्यापार के लिए इस क्षेत्र खूब जाना जाता है। मायानगरी मुंबई का कामथीपुरा रेडलाइट एरिया पूरी दुनिया में चर्चित है। यह एशिया का सबसे बड़ा और पुराना रेडलाइट एरिया है। यहां 2 लाख सेक्स वर्कर का परिवार रहता है, जो पूरे मध्य एशिया में सबसे बड़ा है। 

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