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अनोखी परंपरा के चलते नरक बन गई है इस जनजाति की महिलाओ की जिंदगी, जिंदगी में सिर्फ एक बार नहाने का है चलन

 
अनोखी परंपरा के चलते नरक बन गई है इस जनजाति की महिलाओ की जिंदगी, जिंदगी में सिर्फ एक बार नहाने का है चलन

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। उत्तर भारत में एक बार फिर गर्मी शुरू हो गई है। ऐसे में लोग गर्मी से बचने के लिए दिन में कई बार नहा रहे हैं. जरूर आपने भी गर्मी महसूस करते हुए दिन में कई बार नहाया होगा। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां एक जनजाति की महिलाएं दिन में एक बार नहीं बल्कि अपने पूरे जीवन में एक बार ही स्नान करती हैं। यह जानकर आपको बहुत अजीब लग रहा होगा और आप सोच रहे होंगे कि ये महिलाएं अपने जीवन में केवल एक बार नहाने पर बहुत बदसूरत दिखती हैं। तो आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि ये महिलाएं अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने के लिए अपने जीवन में सिर्फ एक बार ही नहाती हैं।

शादी में नहाती हैं ये महिलाएं

ये महिलाएं सिर्फ शादी में ही नहाती हैं और इसके पहले या बाद में पानी को हाथ तक नहीं लगाती हैं. दरअसल, इन महिलाओं को पानी छूने तक की इजाजत नहीं है, इसलिए ये महिलाएं अपने कपड़े भी नहीं धोती हैं। इन महिलाओं की तस्वीरें देखकर आपको लग रहा होगा कि इनका रंग भी लाल है, लेकिन इसके पीछे भी एक वजह है। हालांकि इस जनजाति की महिलाएं कभी नहाती नहीं हैं, लेकिन वे अपने शरीर को तरोताजा रखने वाली जड़ी-बूटी का इस्तेमाल करती हैं।

शरीर की दुर्गंध को दूर करने के लिए धुएँ का प्रयोग किया जाता है

महिलाएं इस जड़ी बूटी को पानी में उबालकर इसके धुएं को अपने शरीर पर लगाती हैं ताकि बिना नहाए उनके शरीर से दुर्गंध न आए। इतना ही नहीं ये महिलाएं अपने शरीर की त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए जानवरों की चर्बी और हेमेटाइट (लोहे के समान खनिज तत्व) धूल से बना एक खास तरह का लोशन भी बनाती और इस्तेमाल करती हैं। हेमटिट के कारण इनके शरीर का रंग लाल हो जाता है। इन महिलाओं को लाल पुरुष भी कहा जाता है।

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