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यहां ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए लोगों को सरकार देती है पैसे से दूध-डायपर तक का खर्च

 
यहां ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए लोगों को सरकार देती है पैसे से दूध-डायपर तक का खर्च

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। विश्व के विभिन्न देशों की अपनी भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियाँ हैं। हर जगह की अपनी समस्याएं होती हैं और उनसे निपटने का अपना तरीका होता है। उदाहरण के लिए हमारे देश में बढ़ती जनसंख्या एक बड़ी समस्या है और सरकार इसे नियंत्रित करने के लिए तरह-तरह के जागरूकता अभियान चलाती है। वहीं, कुछ देश ऐसे भी हैं जहां जनसंख्या कम है और इसे बढ़ावा देने के लिए तरह-तरह की नीतियां लागू की गई हैं।

हर देश में उसकी स्थिति और आवश्यकता के अनुसार नियम और कानून बनाए जाते हैं। एक देश ऐसा भी है जहां बच्चों के जन्म के बाद लोगों को एकमुश्त रकम दी जाती है। पैसा मिलने का यह सिलसिला 3 साल तक चलता है। हाल ही में मुंबई में रहने वाले ट्रैवल ब्लॉगर मिथिलेश ने इस बात की जानकारी दी है क्योंकि वह खुद बेलारूस की एक लड़की से शादी करके पिता बने हैं।

यहां ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए लोगों को सरकार देती है पैसे से दूध-डायपर तक का खर्च

बच्चे के जन्म पर 1 लाख 28 हजार रुपये दिए जाते हैं।
मिथिलेश ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा है कि बच्चे के जन्म के बाद उन्हें बेलारूस सरकार की तरफ से 1 लाख 28 हजार रुपये दिए गए हैं. वह अपनी पत्नी के साथ बेलारूस में रहते हैं, इसलिए उन्हें यह पैसा दिया गया है। यह राशि सरकार द्वारा नए माता-पिता को दी जाती है। इसके बाद अगले 3 साल तक उन्हें सरकार की ओर से 18,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। यह पैसा सीधे माता-पिता के खाते में ट्रांसफर किया जाता है। उनकी पत्नी लीजा ने 2 महीने पहले नॉर्मल डिलीवरी से एक बच्चे को जन्म दिया, जो स्वस्थ्य है।

यहां ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए लोगों को सरकार देती है पैसे से दूध-डायपर तक का खर्च

सरकारी पैसा क्यों दिया जाता है?
यह राशि सरकार द्वारा नए माता-पिता को इसलिए दी जाती है ताकि उन्हें बच्चे के पालन-पोषण में कोई परेशानी न हो। बच्चे के जन्म पर काफी खर्चा होता है, ऐसे में पहले तो लाखों में और फिर दूध-डायपर और ऐसी ही बुनियादी चीजों के लिए 18 हजार रुपये प्रति माह। वैसे तो बेबी बोनस की शुरुआत साल 2013 में फिनलैंड के लेस्टीजेरवी नगरपालिका में की गई थी, जिसके तहत बच्चे के जन्म पर करीब 7 लाख 86 हजार रुपये दिए जाते थे. इन देशों में लोगों को इस तरह के बोनस के जरिए जनसंख्या बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि जमीन की तुलना में बहुत कम लोग हैं।

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