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सिर्फ 48 करोड़ में US को बेच दिया था रूस ने यह ‘खजाना’, आज भी है इसका मलाल

 
सिर्फ 48 करोड़ में US को बेच दिया था रूस ने यह ‘खजाना’, आज भी है इसका मलाल

आपने विश्व मानचित्र पर अमेरिकी महाद्वीप के उत्तर-पश्चिम में स्थित अलास्का राज्य को अवश्य देखा होगा। अमेरिका जो दक्षिण अमेरिका के मुकाबले रूस के ज्यादा करीब देखा जाता है। आज हम आपको इस अलास्का के बारे में कुछ अनोखी बातें बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में शायद ही आप जानते हों। अलास्का अमेरिका का 49वां राज्य है। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि अलास्का पहले अमेरिका का हिस्सा नहीं था, बल्कि यह रूस का हिस्सा था, लेकिन बर्फीला होने और रूस से दूर होने के कारण रूस ने इसे अमेरिका को बेच दिया।

बात 30 मार्च 1867 की है। तब अलास्का को रूसी साम्राज्य से अमेरिका को बेच दिया गया था। इसके बदले रूप राजा ने अमेरिका से 45 करोड़ 41 लाख रुपये लिए। फिर साल 1959 में अमेरिका ने अलास्का को अपना 49वां राज्य घोषित किया। अमेरिकी कब्जे के कारण जापानी सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अलास्का पर भी हमला किया। ऐसा कहा जाता है कि पर्ल हार्बर की तुलना में अलास्का में अधिक अमेरिकी मारे गए।

सिर्फ 48 करोड़ में US को बेच दिया था रूस ने यह ‘खजाना’, आज भी है इसका मलाल

अलास्का अमेरिका के 50 राज्यों में सबसे बड़ा राज्य है। अलास्का पूर्व में कनाडा, उत्तर में आर्कटिक महासागर, दक्षिण पश्चिम में प्रशांत महासागर और पश्चिम में रूस से घिरा है। राज्य का नाम, अलास्का, रूसी साम्राज्य के समय से उपयोग में रहा है, अमेरिका द्वारा इसे खरीदने के बाद भी इसका नाम नहीं बदला गया। अलास्का मुख्य भूमि या महान भूमि है। अलास्का में स्थित जोनाउ आइस फील्ड को दुनिया का सातवां सबसे बड़ा आइस फील्ड माना जाता है।

लगभग 1,500 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले इस क्षेत्र में प्रतिवर्ष 100 फीट हिमपात होता है। अधिक ऊंचाई पर होने के कारण यहां गर्मियों में भी कम बर्फ पिघलती है। रूस को अब भी अलास्का बेचने का मलाल है। क्योंकि अगर रूस के पास आज भी अलास्का होता, तो वह इस जगह को अपने बंदरगाह के रूप में इस्तेमाल कर सकता था। क्योंकि कनाडा, अमेरिका या पश्चिमी देशों तक जाने के लिए रूस के पास और कोई आसान रास्ता नहीं है। यदि अलास्का रूस का हिस्सा होता, तो यह बहुत आसान होता।

सिर्फ 48 करोड़ में US को बेच दिया था रूस ने यह ‘खजाना’, आज भी है इसका मलाल

अलास्कन ध्वज को बेनी बेन्सन नाम के एक 13 वर्षीय लड़के द्वारा डिजाइन किया गया था। इसके लिए साल 1927 में एक प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें बेनी विजेता बने और उन्हें 1,000 डॉलर की स्कॉलरशिप दी गई, जो आज करीब 76 हजार रुपए है। अलास्का को रूस के ज़ार अलेक्जेंडर द्वितीय ने बेच दिया था। हालाँकि अलास्का के लोग इस सौदे के खिलाफ थे, लेकिन उनकी आवाज़ को नज़रअंदाज़ कर दिया गया। अमेरिका को अपना देश मानने में उन्हें काफी समय लगा। आपको बता दें कि अलास्का में हर साल करीब 5,000 भूकंप आते हैं।

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