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सामने आई सबसे नजदीकी ब्लैक होल की पहली तस्वीर, अब खुलेंगे कई बड़े रहस्य

 
सामने आई सबसे नजदीकी ब्लैक होल की पहली तस्वीर, अब खुलेंगे कई बड़े रहस्य

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। वैज्ञानिकों ने पहली बार आकाशगंगा के केंद्र में एक ब्लैक होल की तस्वीर जारी की है। इस ब्लैक होल को धनु A कहा जाता है, जो हमारे सूर्य के बल से 40 लाख गुना बड़ा है। चिली में यूरोपीय दक्षिणी वेधशाला में एक बहुत बड़ा टेलीस्कोप इंटरफेरोमीटर आकाशगंगा के केंद्र की तस्वीरें ले रहा था। इस दौरान उन्हें अचानक आकाशगंगा के केंद्र में रहस्यमयी ब्लैक होल धनु A दिखाई दिया। यह ब्लैक होल कुछ सेकेंड के लिए दिखाई दिया और फिर गायब हो गया।

इस परिणाम से साबित होता है कि अगर कोई वस्तु ब्लैक होल है तो उसके बारे में काफी जानकारी सामने आ सकती है। शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि यह ज्यादातर आकाशगंगा के केंद्र में स्थित है। यह छवि रेडियो टेलीस्कोप के विश्वव्यापी नेटवर्क का उपयोग करके इवेंट होराइजन टेलीस्कोप सहयोग में शामिल शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम द्वारा बनाई गई थी।

वैज्ञानिकों द्वारा ली गई छवि एक केंद्रीय अंधेरे क्षेत्र को दिखाती है, जो एक ब्लैक होल है। पूरा क्षेत्र गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा अत्यधिक गर्म गैस से निकलने वाले प्रकाश से घिरा हुआ है। धनु A नाम का यह ब्लैक होल हमारे सौर मंडल से लगभग 27,000 प्रकाश वर्ष दूर है, इसलिए इस ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण से सौर मंडल को कोई खतरा नहीं है। निष्कर्ष द एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स के विशेष अंक में प्रकाशित हुए हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गई वस्तु एक ब्लैक होल है। वैज्ञानिकों द्वारा जारी की गई छवि ब्लैक होल का पहला प्रत्यक्ष प्रमाण है।

सामने आई सबसे नजदीकी ब्लैक होल की पहली तस्वीर, अब खुलेंगे कई बड़े रहस्य

वैज्ञानिकों ने पहले आकाशगंगा के केंद्र में एक अदृश्य, घनी और विशाल आकाशगंगा की परिक्रमा करते हुए सितारों को देखा है। इस अवलोकन से यह स्पष्ट है कि धनु एक तारा, एक ब्लैक होल नामक एक चीज है। साल 2019 में पहली बार वैज्ञानिकों ने ब्लैक होल की तस्वीर दिखाई थी। उसी समय, आकाशगंगा के केंद्र में एक ब्लैक होल की तस्वीर दिखाई दी, जिसका नाम मेसियर 87 या M87 है। ऐसे में यह दुनिया में किसी ब्लैक होल की दूसरी तस्वीर थी। पहला ब्लैक होल हमारे सूर्य के द्रव्यमान का 6.5 अरब गुना था। इतनी बड़ी संख्या को साधारण गणितीय संख्याओं में भी नहीं लिखा जा सकता है।

इवेंट होराइजन टेलीस्कोप सहयोग टीम के मुख्य विज्ञान प्रोफेसर हेनो फाल्के कहते हैं कि यह बहुत खास है क्योंकि यह एक सुपरमैसिव ब्लैक होल है। वैज्ञानिक ने कहा कि यह ब्लैक होल हमारे घर के पिछले हिस्से में है। इससे हमें ब्लैक होल को समझने में काफी मदद मिलेगी।

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