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राजस्थान में लगने वाले बाबा रामदेव पशु मेले में क्या है खास जो तारीख से पहले ही हो गया शुरू

 
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लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। राजस्थान के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक, बाबा रामदेव पशु मेला नागौर में आयोजित किया जाता है। जहां एक ओर राजस्थान के सांस्कृतिक मेले अपनी पहचान खोते जा रहे हैं। नागौर के रामदेव पशु मेले की लोकप्रियता आज भी बरकरार है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मेले की शुरुआत 26 जनवरी से होगी, लेकिन इस मेले में भाग लेने वाले लोगों और जानवरों का यहां पहुंचना अभी से शुरू हो गया है।

मेले में हजारों की संख्या में पर्यटक आते हैं

यह पशु मेला विश्व प्रसिद्ध नागौरी बैल के लिए विशेष रूप से आयोजित किया जाता है। इस मेले में बैलों के साथ-साथ ऊंट भी आते हैं। मेले में मवेशियों के साथ-साथ और भी कई तरह के स्टॉल और आयोजन होते हैं। इसकी लोकप्रियता के कारण हर साल हजारों की संख्या में विदेशी पर्यटक भी यहां आते हैं। पर्यटन की दृष्टि से भी यह नागौर जिले का महत्वपूर्ण मेला है।

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मेले पशुपालकों और पशुओं के लिए भी एक सुविधा हैं
नागौर एसडीएम सुरेश पंवार ने कहा कि लोकप्रियता के कारण पशुपालक आने लगे हैं। इस वजह से चरवाहों और मवेशियों के लिए मेला मैदान की सफाई की गई है। चरवाहों और व्यापारियों के भवनों की सफाई, मैदान में रोशनी की व्यवस्था, पानी के कुंडों की सफाई और पानी भरने का काम भी किया गया है। भवन के साथ ही चरवाहों के ठहरने के लिए टेंट भी लगा दिया गया है।

इस बार मेले में रौनक रहेगी

कोरोना के बाद दूसरी बार इस मेले का आयोजन किया जा रहा है। लेकिन पिछली बार मेले में उत्साह कुछ कम रहा। मेले का उत्साह बढ़ाने के लिए इस बार सांस्कृतिक कार्यक्रम व बैल दौड़ का भी आयोजन किया जाएगा। साथ ही मेले में तरह-तरह की दुकानें भी लगाई जाएंगी। जिसकी नीलामी शुरू हो गई है।

तीन दिन में बिके 1400 पशु

यहां मेला लगता है

बाबा रामदेव का पशु मेला नागौर के मानसर चौक से शुरू हो गया है. जो लगभग 15 किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित है। यह जोधपुर और बीकानेर बाईपास के पास स्थित है। इस बार मेले की शुरुआत 26 जनवरी से होगी।

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