Follow us

आखिर कहां से और कैसे आई स्पेस में इतनी धूल? क्या आपको पता है जवाब

 
/3

स्पेस के बारे में कहा जाता है कि यह अधिकांश खाली है. यह साफ दिखता है. पर सच यह है कि अंतरिक्ष में काफी मात्रा में धूल भी है. पर क्या आपने कभी सोचा है कि ये धूल आखिर बनी कैसे और यह स्पेस में कितनी मात्रा में हैं, और उससे भी बड़ी बात ये धूल आखिर आई कहां से? साइंटिस्ट इस धूल यानी कॉस्मिक डस्ट को बहुत अहम मानते हैं. आइए इस धूल के सच को जानते हैं और पता करते हैं कि ये क्या, क्यों और कैसे है?

/3

साइंटिस्ट मानते हैं कि खगोलीय धूल बहुत ही महीन कणों से बनी होती है जो अंतरिक्ष में तैरते रहते हैं. ये करीब 80 माइक्रोमीटर को होते हैं. ये इंसानी बाल से छोटे होते हैं. ये कण एस्टोरॉयड्स और धूमकेतों या कमेट से आते हैं. यह धूल पृथ्वी पर फैली धूल से बहुत ही ज्यादा अलग होती है. इसमें कार्बन, सिलिकेट, बर्फ, धातु जैसी चीजें मिली होती हैं.

/3

कॉस्मिक धूल का बहुत सारा हिस्सा स्पेस में तारों के जन्म स्थानों के पास से आता है. तारे धूल और गैस के बादलों से ही बने होते हैं. सारे कण तारे में नहीं जा पाते हैं तो बचे हुए स्पेस में धूल के रूप में चले जाते हैं. समय के साथ ये जमा होते रहते हैं और तारों के बीच की जगह ले लेते हैं. धूल मंगल जैसे ग्रह, चंद्रमाओं, गैलेक्सी वगैरस के बाहरी हिस्सों से भी आती है. इसके अलावा तारों के विस्फोट में भी बहुत सी धूल स्पेस में फैल जाती है.

/3

अक्सर धूल के कण एक दूसरे से टकराते हैं और जुड़ते चले जाते हैं, धीरे धीरे यह प्रक्रिया तेज होन लगती है और ग्रह, चंद्रमा जैसे पिंड बनने लगते हैं. यह प्रक्रिया अलग अलग स्तर पर चलती रहती है और गैलेक्सी बनाने में भी इसकी भूमिका रहती है. मजेदार बात यह है कि इसी धूल का तारों के बनने में भी योगदान होता है.

/3

धूल के कण कभी एक जगह नहीं रहते हैं. वे स्पेस में तैरते रहते हैं. अक्सर ये दूर तारों से आने वाली रोशनी को भी रोक देते हैं. इनकी वजह से स्पेस में बहुत से दिलचस्प नजारे भी देखने को मिलते हैं. कहने को ये स्पेस में ना दिखने वाले कणों से बनी होती है पर कॉस्मिक डस्ट ब्रह्माण्ड के निर्माण में एक बड़ा योगदान देती है.

Post a Comment

From Around the web