Follow us

क्या आप जानते है एक से ज्यादा Bank Account रखने के Disadvantages, जानिए क्या हो सकता है इससे Heavy Loss

 
क्या आप जानते है एक से ज्यादा Bank Account रखने के Disadvantages, जानिए क्या हो सकता है इससे Heavy Loss

लाइफस्टाइल न्यूज़ डेस्क, आजकल बहुत लोग ऐसे होते हैं जो अपने नाम से दो या दो से ज्यादा बैंक अकाउंट खुलवा कर रखते हैं। कुछ लोगों के लिए यह जरूरी होता है, तो कुछ लोग बिना जरूरत के भी एक से ज्यादा बैंक अकाउंट अपने नाम का खुलवा लेते हैं। उदाहरण के तौर पर अगर कोई बिजनेसमैन है, और किसी को पैसे का लेनदेन रोजाना बेसिस पर ज्यादा है, तो उसकी जरूरत बन जाती है कि वह दो या दो से ज्यादा बैंक अकाउंट रखें। वही बहुत लोग सैलरी अकाउंट के अलावा सेविंग अकाउंट भी खुलवा लेते हैं। लेकिन दोस्तों बात यह है कि लोग दो से ज्यादा बैंक अकाउंट खुलवा तो लेते हैं, लेकिन उसे मेंटेन नहीं कर पाते हैं। वह इसके फायदे या नुकसान के बारे में कभी नहीं सोचते हैं। हम आपको बता दें अलग-अलग बैंक अकाउंट में जमा पैसों पर आप को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। तो चलिए आपको बतला देते हैं कि अगर एक आदमी का दो से ज्यादा बैंक अकाउंट है तो उसके क्या-क्या नुकसान उठाना पड़ सकता है।

अगर आपका दो या दो से ज्यादा बैंक अकाउंट है तो आपको बड़ा नुकसान हो सकता है जिसके बारे में आपको पता भी नहीं होगा। असल में आपको अपने हर अकाउंट को मेंटेन करने के लिए उसमें राशि का एक तय अमाउंट रखना ही पड़ता है, यानी अगर आपका ज्यादा बैंक अकाउंट होगा तो आपका बड़ा अमाउंट बैंकों में ही फंस जाता है। और आपको उस राशि पर आपको ज्यादा से ज्यादा सलाना 5 से 6 फ़ीसदी ही रिटर्न मिलता है।

दोस्तों अगर वही आप अपने ज्यादा पैसे सेविंग अकाउंट में रखने के बजाय उसे दूसरी योजनाओं जैसे कि शेयर बाजार, पोस्ट ऑफिस. सरकारी ब्रांड लिक्विडिटी फंड, म्यूच्यूअल फंड या FD मैं लगाते हैं तो आपको उतने ही पैसे का सालाना रिटर्न कई गुना बढ़ सकता है। असल में म्यूचुअल फंड और शेयर मार्केट तो आपके पैसों पर सेविंग अकाउंट की तुलना में कई गुना ज्यादा रिटर्न आपको दे सकते हैं। वहीं दूसरी बचत योजनाओं में भी आपको बैंक के सेविंग अकाउंट से बेहतर इनकम प्राप्त हो सकती है।

ज्यादा बैंक अकाउंट होने से हो सकते हैं ये नुकसान:
अधिकतर बैंक की ओर से सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस रखने का नियम होता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो बैंक आपसे पैनल्टी वसूल करती है,और बैंक आपके अकाउंट पर रोक भी लगा सकती है। मतलब कि कई बैंकों में न्यूनतम बैलेंस की सीमा अधिकतम 10000 रुपए है, यानी अगर आपके पास 2 से ज्यादा बैंक अकाउंट है तो आपकी टेंशन बढ़ सकती है।

दोस्तों अगर आपका मल्टीपल बैंक अकाउंट है तो आपको प्रत्येक बैंक अकाउंट का सालाना मेंटेनेंस फीस और उसकी सर्विस चार्ज भी देनी पड़ती है। बैंक, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड व अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए अपने ग्राहकों से अतिरिक्त शुल्क वसूलते हैं, यहां भी आपको काफी नुकसान उठाना पड़ता है, जो आप कभी गौर नहीं कर पाते।

एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने रखने का एक नुकसान यह भी है कि अगर आप डेबिट कार्ड या अकाउंट का पासवर्ड भूल जाए तो आपको इसे रिकवर करने में भी मुश्किल होता है।

आपके ज्यादा बैंक अकाउंट होने से आपको आयकर विभाग अर्थात इनकम टैक्स को टैक्स देने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, कागजी कार्रवाई में आपको काफी अधिक माथापच्ची करनी पड़ती है। साथी आपको इनकम टैक्स फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारी रखना और इनके स्टेटमेंट का रिकॉर्ड जुटाना पड़ता है. जो काफी पेचीदा काम हो जाता है।

दोस्तों जब से बैंक द्वारा ATM से सिर्फ पांच ट्रांजैक्शन और दूसरे बैंक के ATM से 3 ट्रांजैक्शन का लिमिट तय किया गया है, उसके बाद मल्टीपल अकाउंट रखने वाले ग्राहकों को ज्यादा फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा मिल जाती है। अगर आपका 2 बैंकों में अकाउंट है तो आपको ATM से 10 बार फ्री ट्रांजैक्शन करने की सुविधा मिल जाती है। अगर किसी एक बैंक का नेटवर्क फेल हो तो, आप दूसरे बैंक के एटीएम या ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल कर पाते हैं।

From around the web