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'कयामत की घड़ी' ने दी चेतावनी, विनाश के और करीब पहुंची दुनिया, इतने सेकेंड हुए कम, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

 
'कयामत की घड़ी' ने दी चेतावनी, विनाश के और करीब पहुंची दुनिया, इतने सेकेंड हुए कम, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। दुनिया एक बार फिर प्रलय के बेहद करीब आ गई है। इसे लेकर परमाणु वैज्ञानिक पिछले दिनों अपने बुलेटिनों में सख्त चेतावनी दे चुके हैं। दुनिया के अंत की घोषणा करने वाली 'डूम्सडे क्लॉक' आधी रात को 90 सेकंड पर सेट है। 'डूम्सडे क्लॉक' में दुनिया की तबाही दिखाने वाली घड़ी को 10 सेकंड कम कर दिया गया है। इस घड़ी में रात के 12 बजने का मतलब है दुनिया का अंत। बता दें कि ऐसा तीन साल में पहली बार किया गया है। इस प्रलयकाल की घड़ी में समय बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स (बीएएस) द्वारा निर्धारित किया गया है।

'दुनिया के लिए बड़े खतरे का संकेत'
इससे पहले, 'प्रलय का दिन' वर्ष 2022 से आधी रात के लिए 100 सेकंड निर्धारित किया गया था। अब इसे घटाकर 10 सेकेंड कर दिया गया है, जो दुनिया के लिए बड़े खतरे का संकेत है। बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स के सीईओ राचेल ब्रोंसन ने कहा कि हम गंभीर खतरे के समय में जी रहे हैं और कयामत की घड़ी का समय इस वास्तविकता को दर्शाता है। विनाश के लिए निर्धारित समय को हल्के में नहीं लिया जा सकता।

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परमाणु युद्ध का खतरा
अब कयामत का समय यानी आधी रात (रात के 12 बजे) सिर्फ 90 सेकेंड दूर है। इस घड़ी में रात के 12 बज रहे हैं यानी दुनिया खत्म हो जाएगी। इस घड़ी में आधी रात को जितना कम समय बचा है, दुनिया परमाणु युद्ध के उतनी ही करीब है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को देखते हुए वैज्ञानिकों ने परमाणु हमले की भविष्यवाणी की है और इस विनाश के लिए केवल 90 सेकंड का समय निर्धारित किया है।

वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में वैज्ञानिकों ने कहा कि दुनिया विनाश के कगार पर खड़ी है। बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स (बीएएस) ने इस बीच कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध, कोरोना महामारी, जलवायु संकट और जैविक खतरा सबसे बड़े खतरे हैं। उन्होंने कहा कि कयामत की घड़ी तबाही के इतने करीब कभी नहीं आई थी।

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1949 में यह 180 सेकंड की दूरी पर था
बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट्स (बीएएस) के वैज्ञानिकों ने कहा कि रूस ने 1949 में परमाणु बम आरडीएस-1 का परीक्षण किया था। इसके बाद विश्व में परमाणु हथियारों की दौड़ तेजी से शुरू हुई। उन्होंने कहा कि उस समय घड़ी आधी रात से 180 सेकंड दूर थी। उन्होंने कहा कि चार साल बाद 1953 में उनका समय घटकर 120 सेकंड रह गया था। उस वक्त अमेरिका ने साल 1952 में पहले थर्मोन्यूक्लियर डिवाइस का परीक्षण किया था और शीत युद्ध अपने चरम पर था।

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