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यहां 8 लाख से ज्यादा लोगों को 100 दिन के अंदर उतारा गया था मौत के घाट, लाखों औरतों को किडनैप कर किया गया था रेप

 
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लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। जब कोई इंसान मानवता का दुश्मन बन जाता है और वहां की सरकार उसे नरसंहार करने के लिए प्रेरित करती है, तो उसका परिणाम भीषण नरसंहार होता है। ऐसा ही एक नरसंहार 1990 के दशक में हुआ था। जिसमें 8 लाख से ज्यादा लोग बेरहमी से मारे गए थे। इसके अलावा लाखों महिलाओं को अगवा कर सेक्स-स्लैब में रखा गया।

कई को उनके पड़ोसियों और अन्य समुदायों के रिश्तेदारों ने मार डाला। कई ने अपनी पत्नियों को धारदार हथियारों से काटकर मार डाला। यह सामूहिक वध पूर्वी अफ्रीकी देश रवांडा में हुआ था। यहां तुत्सी और हुतु समुदायों के बीच भयानक नरसंहार हुआ था। इसे तुत्सी के खिलाफ नरसंहार के रूप में भी जाना जाता है।

यहां 8 लाख से ज्यादा लोगों को 100 दिन के अंदर उतारा गया था मौत के घाट, लाखों औरतों को किडनैप कर किया गया था रेप

हुतु चरमपंथियों ने नरसंहार में अल्पसंख्यक तुत्सी समुदाय को निशाना बनाया। हुतु समुदाय रवांडा की कुल आबादी का 85 प्रतिशत है। इसके बाद भी देश में लंबे समय तक तुत्सी अल्पसंख्यकों का दबदबा रहा। 6 अप्रैल, 1994 की रात को तत्कालीन रवांडा के राष्ट्रपति जुवेनल हब्यारिमाना और पड़ोसी बुरुंडी के राष्ट्रपति गेब्रियल नतारायमायरा विमान में थे।

विमान किगाली, रवांडा में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान में सवार सभी लोगों की मौत हो गई थी। बता दें कि ये दोनों नेता हुतु समुदाय से आते हैं। इस बात का कोई पुख्ता सबूत नहीं था कि जहाज किसने डुबाया। लेकिन कुछ लोग इसके लिए हुतु चरमपंथियों को ज़िम्मेदार ठहराते हैं. ताकि हत्याकांड का बहाना मिल सके। वहीं, कुछ ने तुत्सी समर्थित रवांडन पैट्रिआर्क फ्रंट को जिम्मेदार ठहराया।

यहां 8 लाख से ज्यादा लोगों को 100 दिन के अंदर उतारा गया था मौत के घाट, लाखों औरतों को किडनैप कर किया गया था रेप

इसके बाद, हुतु कट्टरपंथियों ने तुत्सी-समर्थित रवांडन पैट्रिआर्क फ्रंट को दोषी ठहराते हुए अगले दिन 7 अप्रैल को एक नरसंहार शुरू किया। उसने अगले 100 दिनों तक अल्पसंख्यक तुत्सी समुदाय को बेरहमी से मार डाला। हुतु चरमपंथियों ने 'आरटीएलएम' नामक एक रेडियो स्टेशन स्थापित किया, जो चरमपंथियों को 'तिलचट्टे साफ करने' के निर्देश देने वाले विज्ञापन प्रसारित करता है।

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