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चांद पर बसाई जाएगी इंसानों की बस्ती, सांस लेने के लिए ऐसे निकाली जाएगी अनोखे तरीके से ऑक्सीजन

 
चांद पर बसाई जाएगी इंसानों की बस्ती, सांस लेने के लिए ऐसे निकाली जाएगी अनोखे तरीके से ऑक्सीजन

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह पर जीवन की खोज दुनिया भर के वैज्ञानिकों के लिए सबसे महत्वपूर्ण विषय रहा है और वैज्ञानिक पिछले कई दशकों से इसके लिए शोध कर रहे हैं, लेकिन इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि कोई इंसान जैसा जीवन या कोई जानवर मौजूद है। अंतरिक्ष में किसी अन्य ग्रह पर। जीवित। इसके लिए मंगल ग्रह हमेशा चर्चा में रहता है और वैज्ञानिक लाल ग्रह पर मानव बस्ती बनाने की बात करते रहे हैं। इसी बीच एक शोध में दूसरे ग्रहों पर ऑक्सीजन पैदा करने की क्रियाविधि का भी पता चला है। इसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि भविष्य में पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों और उपग्रहों पर मनुष्यों के लिए उपनिवेश स्थापित होंगे।

दरअसल, वैज्ञानिक अब चांद की चट्टानों से ऑक्सीजन निकालने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने थेल्स एलेनिया स्पेस के साथ करार किया है। आपको बता दें कि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी ने थेल्स एलेनिया स्पेस के साथ 8.47 करोड़ रुपये का करार किया है। इसे फ्रांस और इटली की कंपनियों ने मिलकर बनाया है। कंपनी को एक ऐसी तकनीक का खाका तैयार करने के लिए कहा गया है जो चंद्र चट्टानों से ऑक्सीजन निकालेगी।

चांद पर बसाई जाएगी इंसानों की बस्ती, सांस लेने के लिए ऐसे निकाली जाएगी अनोखे तरीके से ऑक्सीजन

बता दें कि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी चंद्र चट्टानों से ऑक्सीजन निकालने के लिए एक तकनीक विकसित करने की योजना बना रही है, जिसे भविष्य में मानव बस्तियों के निर्माण और चंद्र चट्टानों से ऑक्सीजन निकालने में मदद करने के लिए मानव रहित अंतरिक्ष यान में भेजा जा सकता है। साथ ही पत्थर से निकाली गई ऑक्सीजन को विशेष टैंकर में सुरक्षित रखा जाएगा।

चांद पर बसाई जाएगी इंसानों की बस्ती, सांस लेने के लिए ऐसे निकाली जाएगी अनोखे तरीके से ऑक्सीजन

थेल्स एलेनिया अंतरिक्ष के अधिकारी रोजर वार्ड का कहना है कि यह परियोजना अगले दो वर्षों में शुरू की जाएगी। उनका कहना है कि हम चाहते हैं कि चांद पर अपना रिसर्च स्टेशन स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि हम हर बीस साल में वहां जाने के बजाय लगातार वहां जाना चाहते हैं। जिसके लिए चांद पर इंसानी बसावट की बात करते हुए संसाधनों की जरूरत महसूस की जाती है।

आपको बता दें कि ब्रिटिश फर्म मेटालिसिस ने एक खास तरह की रासायनिक प्रक्रिया तैयार की है, जिसके जरिए पत्थर से ऑक्सीजन प्राप्त की जा सकती है। साथ ही भविष्‍य में चांद पर रिफ्यूलिंग स्‍टेशन भी बनाया जाएगा। इसके कारण अंतरिक्ष में उपकरणों को लंबी दूरी तक ले जाना संभव हो जाता है।

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