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10 से लेकर 2000 तक के नोटों पर छपी हैं इन ऐतिहासिक धरोहरों की तस्‍वीरें, यहां जानें इतिहास

 
10 से लेकर 2000 तक के नोटों पर छपी हैं इन ऐतिहासिक धरोहरों की तस्‍वीरें, यहां जानें इतिहास

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। भारत एक ऐसा देश है जो विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। यहां कई ऐतिहासिक धरोहरें हैं जिनके भीतर इतिहास की कई कहानियां हैं। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा छापे जाने वाले नोटों पर भी देश की गौरव गाथा देखने को मिलती है। नोट के आगे की तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर छपी होती है और पीछे की तरफ देश की कुछ ऐतिहासिक धरोहरों की तस्वीर नजर आती है। इन सभी जगहों को यूनेस्को ने विश्व विरासत में शामिल किया है।

हमारी मुद्रा का रंग बदल दिया गया है और प्रत्येक नोट को फिर से रंग दिया गया है और आपको इसके रिवर्स पर अलग-अलग चित्र छपे हुए दिखाई देंगे। क्या आप जानते हैं कि आपकी दिनचर्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले इस नोट के पीछे स्मारकों का इतिहास है।

सूर्य मंदिर
ओडिशा के कोणार्क का भव्य सूर्य मंदिर बहुत प्रसिद्ध है। रथ के आकार में बना यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है। यहां बने 24 पहिए दिन के 24 घंटों का प्रतिनिधित्व करते हैं और सात घोड़े सप्ताह के सात दिनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वर्ष 1984 में यूनेस्को ने इस मंदिर को देश का विश्व विरासत स्थल घोषित किया था। 10 रुपये के नोट के पीछे सूर्य मंदिर की तस्वीर छपी हुई है।

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एलोरा गुफा
महाराष्ट्र में मौजूद एलोरा की गुफाएं सबसे बड़ी चट्टानों को काटकर बनाई गई हैं। ये अद्भुत रचनाएं देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हैं। कैलाश पर्वत श्रृंखला को समर्पित कैलाश मंदिर गुफा सहित यहां 34 गुफाएं हैं। इन गुफाओं का निर्माण 600 से 1000 ईस्वी के बीच हुआ था। यह विश्व धरोहर स्थल हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए एक विशेष स्थान है। इस जगह की छवि 20 रुपये के नोट के पीछे दिखाई देती है।

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हम्पी
कर्नाटक का हम्पी शहर 250 से अधिक प्राचीन स्मारकों और मंदिरों का घर है। यह स्थान 1500 ईस्वी के दौरान विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था और उस समय दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर कहा जाता था। समय बीतता गया और हम्पी ने एक राजधानी शहर के रूप में अपना महत्व खो दिया। यहां आने वाले पर्यटक अब यहां मौजूद खंडहरों में इतिहास खोदते नजर आते हैं। इसे 1986 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत स्थल घोषित किया गया था। 50 रुपए के नोट पर उनकी फोटो दिखाई देती है।

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रानी की वाव
रानी की वाव को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल किया है। यह गुजरात में सरस्वती नदी के तट पर स्थित भारत का सबसे शानदार फुटपाथ है। जिसमें भगवान विष्णु के अवतारों से जुड़े स्तंभों और दीवारों पर 800 से अधिक सुंदर मूर्तियां मिलती हैं। 100 रुपए के नोट पर इस जगह की तस्वीर दिखाई देती है।

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साँची का स्तूप
सांची स्तूप बौद्ध धर्म की एक ऐतिहासिक विरासत है जिसके निर्माण के पीछे एक दिलचस्प कहानी है। जब अशोक ने 262 ईसा पूर्व में कलिंग युद्ध लड़ा था। उसमें हुए रक्तपात को देखकर उसने बौद्ध धर्म अपनाकर विश्व में शांति फैलाने का निश्चय किया। इसके बाद उन्होंने बुद्ध के अवशेषों पर निर्मित सांची स्तूप का अधिग्रहण किया। यह स्थल भारत की सबसे पुरानी पत्थर की संरचनाओं में से एक है जिसे 1989 में विश्व विरासत में शामिल किया गया था। 200 के नोट पर उनकी तस्वीर छपी है।

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लाल किला
ऐतिहासिक रूप से लाल किले का एक अलग महत्व है। लाल ईंटों के इस किले का निर्माण मुगल बादशाह शाहजहाँ ने करवाया था। हर साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस किले के किले से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाता है। यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर घोषित किया है और 500 के नोट पर इसकी छवि दिखती है।

10 से लेकर 2000 तक के नोटों पर छपी हैं इन ऐतिहासिक धरोहरों की तस्‍वीरें, यहां जानें इतिहास

मंगलयान
मंगलयान यानी मार्स ऑर्बिटर मिशन का देश के अंतरिक्ष इतिहास में अनूठा स्थान है। इसरो नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के बाद मंगल की कक्षा में पहुंचने वाली चौथी अंतरिक्ष एजेंसी है। यान के मंगल की कक्षा में पहुंचने के बाद, भारत एक सामान्य प्रथम प्रयास में ऐसा करने वाला पहला एशियाई देश बन गया। यही वजह है कि इसे 2000 के नोट पर छापा जाता है।

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