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दुनिया का ऐसा समुद्र जहां कोई डूब नहीं सकता फिर भी कहलाता है 'Dead Sea'

 
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लाइफस्टाइल डेस्क, जयपुर।। यूं तो आपने कई बार सुना होगा कि समंदर कितना खतरनाक और गहरा होता है. कई लोगों के डूबने की कहानियां भी आपने सुनी होंगी. पर क्या आप जानते हैं कि दुनिया के एक कोने में एक ऐसा समंदर भी है, जहां कोई कभी डूब ही नहीं सकता. इस समंदर में इंसान डूबता नहीं, बल्कि इसके पीनी के ऊपर अपने आप ही तैरता रहता है. इस अजीबो-गरीब समंदर को आज दुनिया ‘डेड सी’ के नाम से जानती हैं.

दुनिया के सबसे निचले पॉइंट पर है डेड सी

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इजराइल की सीमा पर बने बड़े रेतीले पहाड़ों के बीच और समुद्र तल से 403 मीटर नीचे स्थित ये समंदर डेड सी कहलाता है. सिर्फ इतना ही नहीं इस डेड सी को दुनिया का सबसे निचला पॉइंट भी माना जाता है. ये डेड सी अपने दुनिया के सबसे निचले पॉइंट और अपने पानी के अनूठे व्यवहार के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. डेड सी दुनिया भर के सभी समंदर से ज्यादा खारा है. यहाँ पर नमक की मात्रा इतनी ज्यादा है कि दूसरे समन्दरों के मुकाबले यहाँ 6 से 7 गुना ज्यादा नमक पाया जाता है. इतना खारा पानी होने के कारण इसका पानी भारी होता है जिसके कारण कोई भी इसके पानी में डूबता नहीं है. उम्मीद से खारे पानी और कई मिनरल्स से भरा ये समंदर दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है. सिर्फ मौज मस्ती ही नहीं बल्कि इस समंदर में मौजूद मिनरल्स स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी हैं. यही वजह है कि यहाँ पर आने वालों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है.

इस समंदर के इर्दगिर्द आपको कई सारे होटल और रिसोर्ट दिखाई दे जायेंगे. लोग यहाँ आते हैं नमक से भरी इस समंदर की मिटटी में बाथ लेने और खुद को तरोताज़ा करने. कई लोग यहाँ यह देखने आते हैं कि आखिर कैसे कोई इस समंदर में डूबता नहीं. ये समंदर लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं पर इसके पीछे कई प्राकृतिक बातें छिपी हैं, जिन्हें जानना भी जरूरी है.

Dead Sea को बनने में 65 हज़ार साल लगे 

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अगर आपको लगता है कि डेड सी सिर्फ कुछ सालों पुराना है तो आप गलत हैं. इस अद्भुत समंदर को बनने में करीब 65 हज़ार सालों सा वक़्त लगा है. हर गुज़रते दिन के साथ यह ऐसा बनता गया और यहाँ इतना नमक जमा हुआ कि आज ये डेड सी बन पाया. ये महज़ एक समंदर नहीं बल्कि कुदरत का एक तोहफा है जो हज़ारों सालों की कोशिशों के बाद बना.  दरअसल, यह समंदर बड़ी रेतीली पहाड़ियों से भरी एक घाटी के बीच में स्थित है. इसमें पानी जाने का तो प्रावधान है मगर पानी के निकासी की कोई जगह नहीं है. ऐसे में हर साल बारिश के मौसम में यहाँ भारी बारिश होने के बाद सारा पानी जमा हो जाता है. वो पानी लगातार जमा तो होता रहता है मगर कभी यहाँ से बाहर नहीं जाता. इतना ही नहीं नदियों और धरातल में मौजूद पानी भी इसमें अटककर रह जाता है. ये सभी पानी के स्रोतों से ये समंदर सालों से भरता आ रहा है. 

जब यहां जमा होने वाले पानी को निकासी की कोई जगह नहीं मिलती है तो वो गर्मी में वहीं ठहरे-ठहरे ही भाप बन जाता है. वो पानी भाप बनकर भी यहीं पर जमा रहता है. करीब 65 हज़ार सालों से ये सब ऐसे ही चला आ रहा है जिसकी वजह से आज डेड सी बन पाया है. पानी के जमा होने के कारण यहाँ की रेट में मौजूद नमक और मिनरल पहले से  ज्यादा कारगर होते गए और यहाँ नमक वक़्त के साथ बढ़ता ही गया.

जलीय जीवन के लिए हानिकारक है Dead Sea

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इस समंदर को डेड सी का नाम ऐसे ही नहीं मिला है. इस सच में और मारा हुआ समंदर ही है. इसकी सबसे बड़ी खूबी ही इसकी सबसे बड़ी परेशानी भी है. यहाँ खारापन और मिनरल्स इतने सारे हैं कि यहाँ पर जलीय जीवन नहीं पनप सकता. ना तो इसका पानी कहीं भी प्रयोग किया जा सकता है और न ही किसी भी प्रकार की मछली यहां पर जिंदा रह सकती है. वहीं इसके आस पास कोई पेड़ पौधा भी नहीं उग सकता.  यही कारण है कि माना जाता है एक ग्रीक लेखक ने इसे डेड सी का नाम दिया था. इसे और भी कई नामों से जाना जाता है जैसे हेब्रू में इसे ‘नमक का सागर’ कहकर पुकारा जाता है. वक़्त के साथ इसके नाम तो बदलते गए मगर इसकी पहचान हमेशा से वही रही. इसे आज भी एक मरा हुआ समंदर ही माना जाता है.

हालांकि, इंसानों के लिए ये काफी बेहतर है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका पानी त्वचा से जुड़ी कई बीमारियों को ख़त्म कर देता है. इसकी इन ही खूबियों के चलते इसे 2007 में 7 न्यू वंडर्स इन द वर्ल्ड की लिस्ट में शामिल किया गया. डेड सी कुदरत के किसी करिश्मे से कम नहीं है. इसे देखकर हर कोई हैरात में आ ही जाता है. हर कोई यहाँ एक बार जाना चाहता है.  हालांकि, दुखद बात ये है कि यह समंदर अब धीरे-धीरे ख़त्म होने की कगार पर है. ऐसा इसलिए क्योंकि इजरायल और जॉर्डन के बीच सीमा विवाद है जिसके चलते जो नदियाँ डेड सी को पानी देती थीं उनका रुख अब मोड़ दिया गया है. हो सकता है कि आने वाले समय में यह फिर देखने को न मिलें. 

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