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दुनिया में यहां लगता है सबसे अनोखा मेला, जहां बिना पैसों के मिलता है हर सामान

 
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लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। आज हम बिना पैसे के कुछ भी नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन अगर किसी को पता चल जाए कि कहीं बिना पैसे या मुफ्त में तो लोग परेशान हो जाएंगे। अगर हम आपसे कहें कि आज भी दुनिया में एक ऐसी जगह है जहां बिना पैसे के सब कुछ मिलता है। तो आप इसे मजाक कह सकते हैं लेकिन यह बिल्कुल सच है। असम के मोरीगांव जिले के जुनबिल क्षेत्र में मेला लगता है। इस मेले में सब कुछ मुफ्त में मिलता है।

इस मेले में बड़ी संख्या में पहाड़ी और मैदानी जनजातियाँ शामिल होती हैं। वे इस मेले में अपना सामान बेचने आते हैं। हर साल यह मेला तीन दिनों तक चलता है। पूरी दुनिया में इस तरह की परंपरा के अनुसार आयोजित होने वाला यह मेला अपने आप में अनूठा मेला है।

विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में पिछले कुछ समय में काफी तरक्की हुई है। विज्ञान की वजह से कई ऐसे चमत्कार भी संभव हो गए हैं जो कभी असंभव लगते थे। वहीं चिकित्सा में भी ऐसे कई चमत्कार देखने को मिलते हैं। किसी भी इंसान के जिंदा रहने के लिए शरीर में बहुत से अंग जरूरी होते हैं लेकिन इनमें दिल सबसे अहम होता है। दिल अगर धड़कना बंद कर दे तो व्यक्ति की उसी समय मृत्यु हो जाती है। लेकिन एक ऐसा इंसान भी था, जिसके शरीर में ना दिल धड़क रहा था और ना उसकी नब्ज चल रही थी लेकिन फिर भी वह जिंदा था और आराम से बात कर रहा था। जानते हैं यह चमत्कार कैसे संभव हुआ था।  डॉक्‍टरों ने ऑपरेशन कर निकाल लिया था दिल बिना दिल के जीवित रहने वाले इस शख्‍स का नाम क्रेग लुईस था। दरअसल, क्रेग लुईस को दिल की बीमारी थी, जिसके कारण वह मरने वाला था। डॉक्टर्स ने कह दिया था कि वह 12 घंटे से ज्यादा जीवित नहीं रह पाएगा। हालांकि दो डॉक्‍टरों ने उसका दिल ऑपरेट करके निकाल दिया और उसकी जगह ऐसी चीज लगाई जिसके कारण वो जीवित रहा। क्रेग लुईस पहले ऐसे शख्‍स थे, जिन पर ये प्रयोग किया गया और जो सफल रहा।    ना शरीर में था दिल और ना ही चल रही थी पल्‍स दरअसल, डॉक्टर्स ने क्रेग की पत्‍नी की परमीशन लेकर उनके दिल का ऑपरेशन करके उनके जिंदा रहते डॉक्‍टरों ने उनका दिल निकाल दिया और उसकी जगह

इस मेले की खास बात यह है कि इसमें आधुनिक मुद्रा का प्रयोग नहीं होता है। यहां कीमत तय करने के बाद सामान की अदला-बदली करके सामान खरीदा जाता है। दोपहर के समय पहाड़ों से आने वाले आदिवासी अपना सामान लेकर मेले में पहुंचते हैं। बता दें कि इन जातियों को यहां आम बोलचाल में मामा-मामी कहा जाता है। बता दें कि पिछले पांच सौ साल से मेला ऐसे ही चलता आ रहा है। जिसमें आदिवासियों के जमावड़े के रूप में देखा जा सकता है। इस मेले में पहाड़ी जनजातियों और मैदानी इलाकों के लोगों के बीच कृषि उपज का क्रय-विक्रय किया जाता है।

विज्ञान और चिकित्सा के क्षेत्र में पिछले कुछ समय में काफी तरक्की हुई है। विज्ञान की वजह से कई ऐसे चमत्कार भी संभव हो गए हैं जो कभी असंभव लगते थे। वहीं चिकित्सा में भी ऐसे कई चमत्कार देखने को मिलते हैं। किसी भी इंसान के जिंदा रहने के लिए शरीर में बहुत से अंग जरूरी होते हैं लेकिन इनमें दिल सबसे अहम होता है। दिल अगर धड़कना बंद कर दे तो व्यक्ति की उसी समय मृत्यु हो जाती है। लेकिन एक ऐसा इंसान भी था, जिसके शरीर में ना दिल धड़क रहा था और ना उसकी नब्ज चल रही थी लेकिन फिर भी वह जिंदा था और आराम से बात कर रहा था। जानते हैं यह चमत्कार कैसे संभव हुआ था।  डॉक्‍टरों ने ऑपरेशन कर निकाल लिया था दिल बिना दिल के जीवित रहने वाले इस शख्‍स का नाम क्रेग लुईस था। दरअसल, क्रेग लुईस को दिल की बीमारी थी, जिसके कारण वह मरने वाला था। डॉक्टर्स ने कह दिया था कि वह 12 घंटे से ज्यादा जीवित नहीं रह पाएगा। हालांकि दो डॉक्‍टरों ने उसका दिल ऑपरेट करके निकाल दिया और उसकी जगह ऐसी चीज लगाई जिसके कारण वो जीवित रहा। क्रेग लुईस पहले ऐसे शख्‍स थे, जिन पर ये प्रयोग किया गया और जो सफल रहा।    ना शरीर में था दिल और ना ही चल रही थी पल्‍स दरअसल, डॉक्टर्स ने क्रेग की पत्‍नी की परमीशन लेकर उनके दिल का ऑपरेशन करके उनके जिंदा रहते डॉक्‍टरों ने उनका दिल निकाल दिया और उसकी जगह

इस मेले में मुख्य रूप से अदरक, कच्ची हल्दी, कुम्हड़ा और मैदानी लोग पीठा, लड्डू, सूखी मछली और अन्य वस्तुओं का आदान-प्रदान करते हैं। इस मेले में जोनबील (तालाब) में बड़े पैमाने पर मछली पकड़ने की परंपरा भी देखी जाएगी। मेले के अंतिम दिन ऐतिहासिक गोभा राजा का शाही दरबार खचाखच भरा रहता है। जिसमें सभी जाति, जाति और धर्म के लोग भाग लेते हैं।

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