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इस जगह पाया जाता है दुनिया का सबसे जहरीला जानवर? काटते ही  चंद सेकेंड में मर जाता है इंसान

 
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लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। पृथ्वी पर कई प्रकार के जीव हैं। दुनिया में सभी जीवित चीजों की अपनी एक खास चीज होती है। इनमें से कई जीव अत्यधिक जहरीले होते हैं जबकि कई सरल होते हैं। मनुष्य जहरीले जीवों से डरता है और उनसे दूर रहता है। लेकिन क्या आप दुनिया के सबसे जहरीले जीव के बारे में जानते हैं, जिसका जहर पल भर में किसी की जान ले सकता है?

यह कहना थोड़ा मुश्किल है कि दुनिया का सबसे जहरीला जानवर कौन सा है। मनुष्य जानवरों को अपनी इच्छा से कम विषैला या अधिक विषैला मानते हैं। कई लोगों का मानना ​​है कि सांप तो कुछ दूसरे जानवरों को जहरीला मानते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यह जहरीला जानवर सांप या बिच्छू नहीं है। आइए जानते हैं उस जीव के बारे में जिसे वैज्ञानिक दुनिया का सबसे खतरनाक प्राणी मानते हैं। इसके सबसे खतरनाक होने का कारण क्या है?

जानिए कौन है दुनिया का सबसे जहरीला जानवर

एक रिपोर्ट के मुताबिक जानवरों को कई मानदंडों से सबसे खतरनाक माना जाता है। उदाहरण के लिए, वे जहरीले होते हैं, या वे बहुत गुस्से में होते हैं, या वे कई बीमारियां फैलाते हैं। हम आपको इस त्रासदी में शामिल सबसे जहरीले जीवों के बारे में बताने जा रहे हैं। ज्यादातर लोग किंग कोबरा सांप, क्रेट सांप या कई बिच्छुओं को सबसे जहरीला मानते हैं। तो वहीं कुछ लोगों का मानना ​​है कि मेंढक की एक खास प्रजाति या बॉक्स जेलीफिश सबसे जहरीला जानवर होता है। लेकिन एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया का सबसे जहरीला जानवर जियोग्राफी कॉन स्नेल है।

ऐसा कहा जाता है कि एक बड़ा बिच्छू अपने शिकार को मारने के लिए जिस जहर का इस्तेमाल करता है उसका दसवां हिस्सा इस्तेमाल करके एक बड़ा बिच्छू अपने शिकार को मार देता है। दुनिया में घोंघे की 600 से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिनमें कोन घोंघा सबसे खतरनाक है। यह इतना जहरीला होता है कि पल भर में किसी की जिंदगी खत्म कर सकता है।

यह छोटा सा जानवर इंडो-पैसिफिक की चट्टानों पर रहता है। उनका मनुष्यों से बहुत कम संपर्क होता है। इस कारण मनुष्य का इस जीवन के विष से मरना अत्यंत दुर्लभ है। कहा जाता है कि घोंघे की वजह से कई लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे आश्चर्यजनक रूप से, घोंघा पीड़ितों में से 65 प्रतिशत की मृत्यु हो गई यदि उन्हें अस्पताल नहीं पहुंचाया गया। इसके विषाक्त पदार्थों का कोई इलाज नहीं है।

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