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सर्दियों में जम जाऐ सांसे न ही कोई बैंक न ही है कोई रेस्तरां, बर्फ से ढके इस इलाके में हेलीकॉप्टर से जाता है सामान

 
सर्दियों में जम जाऐ सांसे न ही कोई बैंक न ही है कोई रेस्तरां, बर्फ से ढके इस इलाके में हेलीकॉप्टर से जाता है सामान

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। आपने दुनिया में कई जगह देखी होंगी, जहां आपको हर तरह की सुविधाएं जैसे बैंक, रेस्टोरेंट, अच्छी ट्रांसपोर्ट सुविधाएं और कुछ अन्य सुविधाएं मिल जाएंगी। लेकिन क्या आपने कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां आपको बैंक या रेस्टोरेंट न मिले, लेकिन लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाता है। इस कस्बे में वाहनों की आवाजाही तो छोड़िए, स्थानीय लोगों की संख्या इतनी कम होगी कि यह जगह सुनसान ही रह जाएगी। आज हम आपको दुनिया के इस शहर के बारे में बताते हैं, जिसे लिटिल डियो मेड आइलैंड के नाम से जाना जाता है।

सामान हेलीकाप्टर से जाता है

यहां के लोगों की जरूरत के कपड़े, खाना, ईंधन जैसी चीजें शहर से हेलीकॉप्टर से लाई जाती हैं। डिलीवरी हर हफ्ते या तो हेलीकॉप्टर या पानी के जहाजों से की जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां तीन से चार हजार में वाशिंग पाउडर और साबुन मिल जाता है। यहां सिर्फ एक वाईफाई नेटवर्क सिस्टम है, जो सिर्फ बच्चों के स्कूलों में है।

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यह जगह कहां है?

हालांकि, अमेरिका में बहुत ठंड पड़ती है, जहां तापमान माइनस में चला जाता है। लेकिन यहां का लिटिल डियो मेड आइलैंड भी कम नहीं है। आपको बता दें कि रूस इस जगह से महज 3 किमी की दूरी पर है और यह कस्बा 8 वर्ग किमी में फैला हुआ है। आपको बता दें कि रशियन आइलैंड बिग डायोमेड से थोड़ी दूर पर स्थित है। इन दोनों द्वीपों के बीच में आपको समुद्र भी दिखाई देगा।

बर्फ का पुल बन जाता है
दोनों द्वीप अलास्का के निकट बेरिंग खाड़ी के मध्य में हैं। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन इस आइलैंड पर सिर्फ 80 लोग ही रहते हैं। सर्दियों के मौसम में दोनों द्वीपों के बीच का पानी पूरी तरह से जम जाता है, जिससे यह अपने आप में एक बर्फीला पुल बन जाता है।अच्छी बात यह है कि इस पुल की वजह से लोग एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक जा सकते हैं।

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इस जगह का तापमान क्या है?

आपको बता दें कि इस जगह पर गर्मियों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहता है, जबकि सर्दियों में तापमान -14 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। जिसके कारण यहां कई जंगली और खतरनाक शिकारी भी पाए जाते हैं। आपको बता दें कि इस जगह पर 144 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बर्फीली हवाएं भी चलती हैं।

लोग यहां कैसे रहते हैं?

इस स्थान पर लगभग 25 इमारतें हैं, जो 1970 और 1980 के बीच बनी थीं। इन इमारतों में एक स्कूल और एक पुस्तकालय भी है। इलाका बहुत पथरीला है और इस वजह से यहां सड़कें नहीं हैं। यहां न तो बैंक है और न ही रेस्टोरेंट।

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