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ये हैं भारत के सबसे मशहूर ऐतिहासिक प्रवेश द्वार, जानें इनकी खासियत

 
ये हैं भारत के सबसे मशहूर ऐतिहासिक प्रवेश द्वार, जानें इनकी खासियत

लाइफस्टाइल डेस्क, जयपुर।। हम सभी मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया और दिल्ली के इंडिया गेट के बारे में अच्छी तरह जानते हैं. ये दोनों भारत में सबसे ऐतिहासिक प्रवेश द्वार हैं जो सबसे लोकप्रिय हैं. लेकिन भारत में ऐसे और भी कई प्रवेश द्वार हैं जिनका ऐतिहासिक महत्व है. 

इंडिया गेट, दिल्ली - दिल्ली में सबसे अधिक देखे जाने वाले आकर्षणों में से एक, इंडिया गेट राजपथ के करीब बना एक युद्ध स्मारक है. ये 1914 और 1921 के बीच प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए 70000 सैनिकों की याद में बनाया गया था.

इंडिया गेट, दिल्ली - दिल्ली में सबसे अधिक देखे जाने वाले आकर्षणों में से एक, इंडिया गेट राजपथ के करीब बना एक युद्ध स्मारक है. ये 1914 और 1921 के बीच प्रथम विश्व युद्ध में मारे गए 70000 सैनिकों की याद में बनाया गया था.

गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई -  गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई में स्थित एक प्रतिष्ठित भारतीय स्मारक है. ये स्मारक 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी के प्रथम आगमन की याद में बनाया गया था. 

गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई -  गेटवे ऑफ इंडिया मुंबई में स्थित एक प्रतिष्ठित भारतीय स्मारक है. ये स्मारक 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में ब्रिटिश किंग जॉर्ज पंचम और महारानी मैरी के प्रथम आगमन की याद में बनाया गया था. 

बुलंद दरवाजा, फतेहपुर सीकरी - ये 15 मंजिला "जीत का द्वार" दुनिया का सबसे ऊंचा प्रवेश द्वार है. इसका निर्माण 1575 में मुगल सम्राट अकबर ने गुजरात पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में करवाया था. ये ऐतिहासिक प्रवेश द्वार फतेहपुर सीकरी में जामा मस्जिद का प्रवेश द्वार है, जो आगरा से लगभग 43 किमी दूर है.

बुलंद दरवाजा, फतेहपुर सीकरी - ये 15 मंजिला "जीत का द्वार" दुनिया का सबसे ऊंचा प्रवेश द्वार है. इसका निर्माण 1575 में मुगल सम्राट अकबर ने गुजरात पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में करवाया था. ये ऐतिहासिक प्रवेश द्वार फतेहपुर सीकरी में जामा मस्जिद का प्रवेश द्वार है, जो आगरा से लगभग 43 किमी दूर है.

तीन दरवाजा, अहमदाबाद -  तीन दरवाजा अहमदाबाद में भद्र के किल्ले की पूर्व दिशा में स्थित है. ये ऐतिहासिक प्रवेश द्वार 1415 में बनाया गया था. 

तीन दरवाजा, अहमदाबाद -  तीन दरवाजा अहमदाबाद में भद्र के किल्ले की पूर्व दिशा में स्थित है. ये ऐतिहासिक प्रवेश द्वार 1415 में बनाया गया था. 

भडकल गेट, औरंगाबाद - महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भडकल गेट का निर्माण 1612 में अहमदनगर के मुर्तजा निजामशाह के वजीर मलिक अंबर ने करवाया था. इसे मुगलों के खिलाफ जीत की याद में बनाया गया था, इसलिए इसे 'विजय द्वार' के नाम से भी जाना जाता है. ये महाराष्ट्र का राज्य संरक्षित स्मारक है.

भडकल गेट, औरंगाबाद - महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भडकल गेट का निर्माण 1612 में अहमदनगर के मुर्तजा निजामशाह के वजीर मलिक अंबर ने करवाया था. इसे मुगलों के खिलाफ जीत की याद में बनाया गया था, इसलिए इसे 'विजय द्वार' के नाम से भी जाना जाता है. ये महाराष्ट्र का राज्य संरक्षित स्मारक है.

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