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ये बरगद का पेड़ है धरती पर 500 साल से भी ज्यादा पुराना, लोग मानते है इसे मौत का वृक्ष

 
ये बरगद का पेड़ है धरती पर 500 साल से भी ज्यादा पुराना, लोग मानते है इसे मौत का वृक्ष

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। बरगद के पेड़ दुनिया में सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले पेड़ हैं। जो कभी-कभी सैकड़ों वर्षों तक सुरक्षित और स्वस्थ रहते हैं। आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में आपने शायद ही सुना और पढ़ा होगा। जो 500 साल से भी ज्यादा पुराना पेड़ माना जाता है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं पंजाब के फतेहगढ़ साहिब जिले के चरोती कलां गांव में स्थित एक पेड़ की। यह बरगद का पेड़ पांच सौ साल से भी ज्यादा पुराना बताया जाता है। लोगों का कहना है कि जहां तक ​​इस पेड़ की जड़ें पहुंचती हैं किसान फसल उगाना बंद कर देते हैं।

ये बरगद का पेड़ है धरती पर 500 साल से भी ज्यादा पुराना, लोग मानते है इसे मौत का वृक्ष

क्योंकि लोगों का मानना ​​है कि अगर कोई व्यक्ति इस पेड़ की जड़ को काट दे तो उसकी या उसके परिवार के किसी सदस्य की मौत हो जाएगी। यह जगह पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ से करीब 40 किलोमीटर दूर है। लोगों का कहना है कि इसी मान्यता के चलते वर्षों से कृषि पर संकट बना हुआ है. कोई इस पेड़ को काटने की हिम्मत नहीं करता। यही कारण है कि लोग अपने खेतों को भवन के लिए समर्पित करते हैं।

लोगों के मुताबिक यह बरगद का पेड़ सैकड़ों साल पुराना है और बढ़ता रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले इस पेड़ के बारे में ऐसी कोई जानकारी नहीं थी। लेकिन, जब इस पेड़ की जड़ें एक किसान के खेत में पहुंची तो उसने उसे काट डाला। कुछ दिनों बाद उनकी मृत्यु हो गई। उसके बाद किसी ने पेड़ की जड़ काटने की हिम्मत नहीं की। इसलिए जब भी किसी पेड़ की जड़ें खेत में पहुंचती हैं तो उसका मालिक वहां खेती करना बंद कर देता है।

ये बरगद का पेड़ है धरती पर 500 साल से भी ज्यादा पुराना, लोग मानते है इसे मौत का वृक्ष

पहचान क्या है?

बता दें कि इस बरगद के पेड़ के पास एक शिव मंदिर भी है। लोगों का कहना है कि सैकड़ों साल पहले एक संत ने यहां आकर एक किसान को संतान प्राप्ति के लिए राख दी थी। उसकी पत्नी ने उसे खाने से मना कर दिया। उसके बाद जब किसान ने संत की अस्थियां लौटाना चाहा तो संत ने लेने से मना कर दिया। उसके बाद किसान ने राख को जमीन पर रख दिया। कहा जाता है कि इस स्थान पर बरगद का पेड़ उग आया था। जो सदियों से विकराल रूप धारण करता आ रहा है। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

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