ये हैं दुनिया की सबसे ज्यादा खुले विचारों वाली जनजाती, जहां 6 साल के बच्चे भी बनाते हैं संबंध, कभी भी पार्टनर बदलने की है आजादी

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। दुनिया में आज भी कई जनजातियां ऐसी हैं जो अपने पुराने तौर-तरीकों पर चलती हैं। इस जनजाति के लोग अभी भी पुरानी मान्यताओं का पालन करते हैं और दूसरों की प्रतिक्रिया की बिल्कुल भी परवाह नहीं करते हैं। ऐसी ही एक जनजाति पापुआ न्यू गिनी के ट्रोब्रिएंड द्वीप पर रहती है, जहां के लोग दुनिया के सबसे खुले विचारों वाले माने जाते हैं।
डेली मेल न्यूज वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रोब्रिएंड द्वीप समूह दक्षिण प्रशांत के सोलोमन सागर में मौजूद है, जो आधिकारिक तौर पर पापुआ न्यू गिनी का हिस्सा है। द्वीप पर रहने वाले लोगों को ट्रोब्रिएंड जनजाति कहा जाता है। इस जाति के लोगों के विचार काफी खुले होते हैं। ये लोग शारीरिक संबंध या इससे जुड़े पहलुओं को टैबू नहीं मानते हैं। यहां किसी लड़की को उसके कौमार्य से नहीं आंका जाता है, इसलिए लड़का हो या लड़की, 6 साल की उम्र के आसपास से ही आपस में संबंध बनाने लगते हैं।
पति-पत्नी कभी भी पार्टनर बदल सकते हैं
उसी उम्र से ही लड़कियों को संबंध बनाना और बच्चे पैदा करना सिखाया जाता है। इस जनजाति के लोग इन मुद्दों के बारे में इतने खुले हैं कि गांव में बुकुमतुला नामक विशेष घर बनाए गए हैं जहां अविवाहित जोड़े जा सकते हैं और संभोग कर सकते हैं। विवाहपूर्व संबंधों को बिल्कुल भी बुरा नहीं माना जाता है और न ही आदिवासी लोगों के बीच कोई प्रतिबंध है। शादी से पहले तो छोड़िए, यहां पति-पत्नी शादी के बाद भी कभी भी अपना पार्टनर बदल सकते हैं। अविवाहित लड़की या किसी और की पत्नी के गर्भवती होने पर भी माता-पिता बच्चों की देखभाल करते हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि पुरुष का काम महिला को मातृत्व का आनंद देना है, सभी का पिता बलोमा है, जिसकी आत्मा है। जो उनका भगवान भी है।
क्रिकेट के जरिए मतभेद सुलझाए जाते हैं
यहाँ एक और विशेषता है। यानी अगर दो गांवों में किसी तरह का झगड़ा या मनमुटाव होता है तो उसे क्रिकेट के खेल के जरिए सुलझाया जाता है। यहां अंग्रेजों का राज था इसलिए लोग क्रिकेट के बारे में जानते हैं। इतना ही नहीं केले के पत्तों का इस्तेमाल पैसे के तौर पर किया जाता है। 50 पत्ते मतलब 100 रुपये।