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मध्य प्रदेश के इस मंदिर में होती है केसर और चंदन की बारिश, अद्धभुत होता है नज़ारा

 
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लाइफस्टाईल न्यूज डेस्क।। हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जिन्हें चमत्कारी मंदिर के रूप में जाना जाता है। इन मंदिरों में होने वाले चमत्कारों को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। लोग यहां भगवान की पूजा और प्रार्थना करते हैं। ऐसा ही एक मंदिर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में है। जिसे सभी लोग मुक्तगिरि जैन तीर्थ के नाम से जानते हैं।

आपको बता दें कि मुक्तागिरी मंदिर सतपुड़ा के घने जंगलों के बीच स्थित है और यहां प्रकृति का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है। मुक्तागिरी मंदिर के पास एक झरना है, जहां लगभग 250 मीटर की ऊंचाई से पानी बहता है जो इस जगह को और भी खूबसूरत बनाता है।

इस मंदिर में हर आठ से चौदह दिन में एक चमत्कार देखने को मिलता है। दरअसल, हर आठवें पखवाड़े में केसर और चंदन की वर्षा होती है। इस अद्भुत नजारे को देखने के लिए देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं। लोककथाओं के अनुसार हजारों साल पहले यहां एक ऋषि तपस्या में लीन थे। उनके सामने ही एक मेंढक पहाड़ से गिरकर मर गया। ऋषि ने उसके कान में णमोकार मंत्र का जाप किया। जिसके कारण उस मेंढक को स्वर्ग में दिव्य स्थान प्राप्त हुआ। तभी से इस पर्वत श्रृंखला का नाम मेधागिरि पर्वत पड़ गया।

कहा जाता है कि उनकी मृत्यु के बाद जब वह मेढक ऋषि से मिलने आये तो उस दिन केसर और चंदन की वर्षा हुई। तभी से यह मान्यता है कि प्रत्येक अष्टमी चौदस को यहां केसर और चंदन की वर्षा होती है। आपको बता दें कि इस पर्वत श्रृंखला पर लगभग 52 छोटे-बड़े मंदिर हैं। जिनमें सबसे ज्यादा भीड़ मुक्तागिरि तीर्थधाम में है। इस मंदिर के द्वार तक पहुंचने के लिए लगभग 600 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। आपको बता दें कि इस मंदिर में पूरे साल कोई भी आकर भगवान के दर्शन कर सकता है। लेकिन अष्टमी चौदस के दिन यहां हजारों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

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