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भारत का ये गांव माना जाता है शापमुक्त, दूर हो जाती है यहां पहुंचकर लोगों की गरीबी

 
भारत का ये गांव माना जाता है शापमुक्त,  दूर हो जाती है यहां पहुंचकर लोगों की गरीबी

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। ज्यादातर लोग शिकायत करते हैं कि उनके द्वारा कमाया गया सारा पैसा जल्द ही खत्म हो जाता है। जिससे उसे हमेशा आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां पहुंचकर लोगों की गरीबी दूर होती है। और भाग्य के द्वार खुलते हैं। अपनी गरीबी से मुक्ति पाने के लिए उत्तराखंड में एक ऐसी जगह है जहां जाकर आप अपनी गरीबी से निजात पा सकते हैं। हम बात कर रहे हैं उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव की। इस गांव को अभिशाप मुक्त गांव का दर्जा भी मिला है।

इस गांव में होती है भगवान शिव की महिमा

आपको बता दें कि माणा गांव को भारत का आखिरी गांव कहा जाता है। माना जाता है कि माणा गांव में भगवान शिव की ऐसी महिमा है कि यहां आने से सभी की गरीबी दूर हो जाती है। इसके साथ ही यह भी माना जाता है कि श्रापमुक्त गांव का दर्जा मिलने से यहां आने वाले लोगों के पाप धुल जाते हैं।

भारत का ये गांव माना जाता है शापमुक्त,  दूर हो जाती है यहां पहुंचकर लोगों की गरीबी

भगवान गांव का भला करे

कहा जाता है कि प्राचीन काल में भारत और तिब्बत के बीच व्यापार चमोली जिले में स्थित इस गांव से होता था। बद्रीनाथ धाम से लगभग 3 किमी दूर स्थित इस गांव का नाम भगवान शिव के भक्त मणिभद्र के नाम पर रखा गया है। इतिहासकारों के अनुसार इस गांव में आकर व्यक्ति स्वप्नद्रष्टा बन जाता है। यहां आकर वह अपने जीवन में होने वाली घटनाओं का अनुभव कर सकता है।

शुरू हुई भक्त पूजा

प्राचीन मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि एक बार माणिक शाह नाम का एक व्यापारी अपने काम से कहीं जा रहा था। वे भगवान शिव के अनन्य भक्त थे। रास्ते में लुटेरों ने उसका गला काट कर लूट लिया। उनकी गर्दन कट जाने के बाद भी उनके मुंह से भगवान शिव की प्रार्थनाएं निकल रही थीं। अपने भक्त की भक्ति देखकर भगवान शंकर ने अपना वराह का मस्तक रख दिया। इस घटना के बाद मणिभद्र वहां पूजा करने लगे।

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मनुष्य की दरिद्रता दूर करने का सौभाग्य

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव ने माणिक शाह को वरदान दिया था कि यहां आने वाले हर व्यक्ति की दरिद्रता दूर होगी। पुजारियों का कहना है कि अगर आपको पैसे की जरूरत है तो आप गुरुवार को यहां आकर पूजा करते हैं तो अगले गुरुवार तक आपको पैसे मिलते हैं। यह भी माना जाता है कि वेद व्यास ने भगवान गणेश के कहने पर यहां महाभारत की रचना की थी। इसी के साथ महाभारत युद्ध की समाप्ति के बाद पांडवों और द्रौपदी के साथ स्वर्गारोहिणी स्वर्ग की सीढ़ियां चढ़ गईं।

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