Follow us

दुनिया के सबसे अमीर गांव माधापार में अभी भी हजारों लोग है गरीब, 2000 तो बेहद गरीबी में ​जी रहे जीवन, कैसे?

 
दुनिया के सबसे अमीर गांव माधापार में अभी भी हजारों लोग है गरीब, 2000 तो बेहद गरीबी में ​जी रहे जीवन, कैसे?

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। आम तौर पर गांव को एक अविकसित और गरीब जगह माना जाता है, लेकिन माधापार नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में गांव की छवि तुरंत बदल जाती है। कच्छ का माधापार गांव एशिया के सबसे अमीर गांवों में से एक माना जाता है। बड़े-बड़े बंगले हैं, स्कूल है, स्विमिंग पूल है, क्या नहीं इस गांव में! गांवों के बैंकों में हजारों करोड़ रुपए जमा हैं। बहुत से परिवार पलायन करके विदेशों में बस गए हैं, यहां अपनी बचत जमा कर रहे हैं। ऐसे गांव में गरीबी!

प्रमुख जिला बैंक प्रबंधक से प्राप्त विवरण के अनुसार माधापार गांव में बैंकों की कुल 12 शाखाएं स्थित हैं, जिनकी कुल रु. 2650 करोड़ जमा है। आज इस गांव के हजारों लोग विदेशों में रहते हैं और स्थानीय बैंकों में अपनी बचत जमा करते हैं। लेकिन गरीबी के आंकड़े क्या कहते हैं?

दुनिया के सबसे अमीर गांव माधापार में अभी भी हजारों लोग है गरीब, 2000 तो बेहद गरीबी में ​जी रहे जीवन, कैसे?

माधापार की संपत्ति के बारे में सभी जानते हैं। माना जाता है कि यहां गरीबी नहीं होती, लेकिन हकीकत थोड़ी अलग है। 2011 की जनगणना के अनुसार माधापार के नवावास (नया क्षेत्र) व जूनावास (पुराना क्षेत्र) की कुल आबादी 38 हजार है, जो ग्राम प्रधानों के अनुसार बढ़कर 50 हजार हो गई है. इतनी बड़ी आबादी वाले गांव में 8,456 लोग गरीब हैं।

1711 परिवार गरीबी रेखा से नीचे हैं (बीपीएल डेटा के अनुसार)। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, माधापार के नवावास और जुनावास में कुल 1,224 परिवारों के पास बीपीएल कार्ड हैं, जबकि 487 परिवारों को अंत्योदय अन्न योजना का लाभ मिला है. इन 1,224 बीपीएल कार्ड से 6,449 लोग लाभान्वित हुए हैं और अंत्योदय अन्न योजना से 2,007 लोग लाभान्वित हुए हैं।

न्यूज 18 गुजराती ने माधापार गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति में इतने बड़े अंतर को लेकर नवावास के सरपंच और माधापार के जुनावास से संपर्क किया. पटेल समुदाय और एनआरआई की आबादी वाले नवावास के पूर्व सरपंच और गांव के नेता अर्जन भूडिया ने कहा कि माधापार में ज्यादातर गरीब परिवार बाहर से आकर बसे हैं.

दुनिया के सबसे अमीर गांव माधापार में अभी भी हजारों लोग है गरीब, 2000 तो बेहद गरीबी में ​जी रहे जीवन, कैसे?

भूडिया ने कहा, माधापार में पीढ़ियों से रह रहे परिवारों की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी है, लेकिन रामनगरी, जोगीवास और सर्वोदय मैदान के पिछड़े इलाकों में रहने वाले अधिकांश प्रवासी परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं. भूड़िया का कहना है कि उन्होंने गरीब परिवारों के रिहायशी इलाके में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही एक प्राइमरी स्कूल भी बनवाया है.

वहीं जुनवास की महिला सरपंच के पति नारनभाई माहेश्वरी ने कहा कि जुनवास में किसी भी समुदाय की नवाओं जैसी इतनी बड़ी आबादी नहीं है. हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि इन परिवारों को पानी और सीवरेज जैसी सुविधाएं जल्दी और तेजी से मिले।

Tags

From around the web