अकाल मृत्यु होने पर कहां जाती है आत्मा, गरुण पुराण में छिपा है इसका खुफीया राज

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। मृत्यु प्रत्येक जीव के जीवन का परम सत्य है। जो इस दुनिया में आया है वो यहां से वापस भी आएगा और मौत सबको आएगी। इससे आज तक कोई नहीं बच पाया है और न ही बच पाएगा। प्रत्येक व्यक्ति का एक न एक दिन मरना निश्चित है। मौत आ रही है ये तो सभी जानते हैं, लेकिन मौत कब और कैसे आएगी ये कोई नहीं जानता। कुछ लोग खुश होकर इस दुनिया से चले जाते हैं तो कुछ लोग बहुत दुखी होकर इस दुनिया से चले जाते हैं। तो वहाँ सबसे भयानक मृत्यु अकाल मृत्यु मानी जाती है। आत्महत्या, गंभीर बीमारी या दुर्घटना के कारण मृत्यु अकाल मृत्यु कहलाती है।
गरुड़ पुराण अकाल मृत्यु से जुड़े रहस्यों को बताता है
आपको बता दें कि गरुड़ पुराण में अकाल मृत्यु से जुड़े कई रहस्य बताए गए हैं। गरुड़ पुराण में कहा गया है कि अकाल मृत्यु का कारण पाप, अनैतिकता, स्त्रियों का शोषण, झूठ बोलना, भ्रष्टाचार और दुष्कर्म आदि हैं। अनेक पाप करने वाले व्यक्ति की अकाल मृत्यु भी होती है।
आत्मा के भटकने का रहस्य क्या है?
गरुड़ पुराण में कहा गया है कि आत्मा का भटकना उसकी इच्छाओं पर निर्भर करता है। आत्मा मृत्यु को स्वीकार न करे तो भटकती है। ऐसी आत्माओं का भाग्य भी बहुत खराब होता है। कभी वह किसी दुष्ट तांत्रिक की दासी बन जाती है तो कभी अन्य शक्तिशाली आत्माओं की। ऐसी स्थिति में उनसे बुरे कर्म करवाए जाते हैं और ऐसी आत्माएं मोक्ष के मार्ग पर वापस नहीं लौट सकतीं।
लेकिन अगर एक अच्छा साधक मुक्ति प्राप्त करता है, तो निश्चित रूप से कई जन्मों में जन्म लेने के बाद, वह अपने कर्मों से जन्म और मृत्यु के बंधनों से मुक्त हो जाता है। इसलिए कहा जाता है कि जीते जी इच्छाओं को त्याग दो, ताकि यह आत्मा मृत्यु को स्वीकार करे। नहीं तो मृत्यु समय से पहले हो या असमय, आत्मा भटकती जरूर है और ऊपर बताए गए सभी कष्टों का सामना करना पड़ता है।