गणेश चतुर्थी पर क्यों नहीं देख सकते है चांद, अगर चंदा मामा के गलती से किये दीदार तो लगता है जिंदगी में कलंक

लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गौरीपुत्र गणेश का जन्म चतुर्थी तिथि को मध्याह्न के समय हुआ था। इस बार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी और यह त्योहार अनंत चतुर्दशी तिथि पर गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होगा। मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए। इससे व्यक्ति पर झूठा कलंक लगता है। लेकिन इसके पीछे का मिथक क्या है? आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे. चलो पता करते हैं...
चाँद दिखाई क्यों नहीं देता?
मान्यताओं के अनुसार एक बार भगवान गणेश अपने वाहन पर सवार होकर जा रहे थे तभी उनकी नजर सांप पर पड़ी तो चूहे ने छलांग लगा दी। इसके बाद भगवान गणेश अपना संतुलन खो बैठे और जमीन पर गिर पड़े। यह घटना देखकर चंद्रदेव जोर-जोर से हंसने लगे। यह देखकर भगवान गणेश क्रोधित हो गए और उन्होंने चंद्रमा को कलंकित होने का श्राप दे दिया। उन्होंने कहा कि चतुर्थी तिथि के दिन यदि कोई तुम्हें देख लेगा तो उसे लज्जित होना पड़ेगा।
चंद्रमा के दर्शन करते समय इस मंत्र का जाप करें
यदि आप अभी भी गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा को देखते हैं, तो श्राप से मुक्ति के लिए एक मंत्र का जाप करें। मंत्र का जाप करें सिंह प्रसेनमवधितसिंहो जाम्बवत् हठ, सुकुमारका मरोदिस्तव हमशा स्यमन्तकः। मान्यताओं के अनुसार इससे आप पर लगा कलंक दूर हो जाएगा।
इस मंत्र का जाप करें
अगर आपके परिवार के सदस्य अक्सर किसी न किसी समस्या से घिरे रहते हैं तो गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूरे विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के साथ स्वाहा मंत्र, ऊँ गं गं गणपतये विघ्न नभास्न स्वाहा मंत्र के 21 श्लोक का जाप करें। इससे बप्पा आपसे प्रसन्न होंगे और आपको मनचाहा वरदान देंगे।