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क्यों चढाया जाता है भगवान शिव पर दूध? जानिए इसके पिछे का कारण

 
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लाइफस्टाइल न्यूज डेस्क।। हिंदू धर्म में, सोमवार भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन भगवान भोलेनाथ के भक्त उन्हें प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं ताकि भक्तों पर उनकी कृपा बनी रहे। भगवान शिव अपने भक्तों पर बहुत प्रसन्न होते हैं। इसके लिए शिव भक्त को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है।

भोपाल के पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा के अनुसार, शास्त्रों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई अनुष्ठान बताए गए हैं। इसमें यह भी उल्लेख है कि भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा क्यों चढ़ाया जाता है। इसके अलावा भगवान शिव को दूध चढ़ाने का भी उल्लेख है। आज हम जानेंगे कि शिवलिंग पर दूध क्यों चढ़ाया जाता है और ऐसा करने से क्या होता है।

मिथक
पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान निकला जहर दुनिया के लिए बेहद खतरनाक था। जिसका पान भगवान शिव ने पिया। विष पीने से भगवान शिव का शरीर जल गया। तब वहां मौजूद सभी देवताओं ने उसे सींचना शुरू कर दिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। तब सभी देवताओं ने भगवान शिव से दूध लेने का अनुरोध किया। दूध पीने से भगवान शिव पर विष का प्रभाव कम हुआ और भगवान शिव के शरीर को जलने से बचाया। तभी से भगवान शिव को दूध चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई।

क्यों चढाया जाता है भगवान शिव पर दूध? जानिए इसके पिछे का कारण

भगवान शिव की पूजा करने का तरीका
सोमवार को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस दिन प्रातः स्नान करके निवृत्ति के बाद व्रत का संकल्प लें।

इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां स्थापित करें और उनका अभिषेक करें।

भगवान शिव को धतूरा, दूध, फूल, बेलपत्र, सुपारी और पंचामृत चढ़ाएं और फिर देवी पार्वती को सोलह आभूषण चढ़ाएं।

अब तिल के तेल का दीपक जलाकर बिना Om नमः मंत्र का जाप करें।

अंत में शिव चालीसा का पाठ करें।

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